Edited By vasudha,Updated: 05 Jan, 2021 11:38 AM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश को कोच्चि-मंगलुरू प्राकृतिक गैस पाइपलाइन की सौगात देने जा रहे हैं। वह वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इस पाइपलाइन को देश को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार यह ‘एक देश, एक गैस ग्रिड'' के निर्माण में...
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश को नई सौगात देते हुए कोच्चि-मंगलुरू प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का उद्घाटन किया। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से यह पाइपलाइन को देश को समर्पित की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कोची-मैगलुरू पाइप लाइन इस बात का बहुत बड़ा उदाहरण है कि विकास को प्राथमिकता देकर सभी मिलकर काम करें, तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं होता।
लाखों लोगों के लिए ईज ऑफ लिविंग बढ़ेगी
- इस प्रोजेक्ट में कई दिक्कतें भी आईं, लेकिन हमारे श्रमिकों, इजीनियरों, किसानों और राज्य सरकारों के सहयोग से ये काम पूर्ण हुआ।
- कहने को तो ये पाइप लाइन है, लेकिन दोनों राज्यों के विकास को गति देने में इसकी बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है।
- ये पाइप लाइन दोनों राज्यों में लाखों लोगों के लिए ईज ऑफ लिविंग बढ़ाएगी।
पेट्रो कैमिकल को मिलेगी ऊर्जा
- दूसरा ये पाइप लाइन दोनों ही राज्यों के गरीब, माध्यम वर्ग और उद्यमियों के खर्च कम करेगी।
- तीसरा ये पाइप लाइन शहरों में सिटी गैस डिस्ट्रब्यूशन सिस्टम का माध्यम बनेगी।
- चौथा, ये अनेक शहरों में सीएनजी आधारित ट्रांस्पोर्ट सिस्टम को विकसित करने का माध्यम बनेगी।
- पांचवा ये मैंगलोर कैमिकल और फर्टिलाइजर प्लांट को ऊर्जा देगी, कम खर्च में खाद बनाने में मदद करेगी।
- छठा ये पाइप लाइन मैंगलोर रिफाइनरी और पेट्रो कैमिकल को ऊर्जा देगी, स्वच्छ ईंधन देगी।
पर्यावरण होगा बहतर
- 7वां फायदा, ये दोनों ही राज्यों में प्रदूषण कम करेगी।
- 8वां, प्रदूषण कम करने का सीधा असर पर्यावरण पर होगा।
- 9वां, पर्यावरण बेहतर होने से लोगों की सेहत अच्छी होगी।
- 10वां, जब प्रदूषण कम होगा, शहरों में गैस आधारित सेवा होगी, तो टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।
3000 करोड़ आई लागत
प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार को बयान जारी कर बताया कि 450 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का निर्माण गेल (भारत) लिमिटेड ने किया है।इसके पास प्रति दिन 12 मिलियन मीट्रिक स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर की परिवहन क्षमता है और यह कोच्चि में तरलीकृत प्राकृति गैस टर्मिनल से मंगलुरू तक प्राकृतिक गैस ले जाएगा। यह एर्णाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, कन्नूर और कासरगोड जिलों से गुजरेगा। परियोजना की पूरी लागत करीब 3000 करोड़ रुपये है और इसके निर्माण से 12 लाख श्रम दिवस रोजगार का सृजन हुआ।
वायु की गुणवत्ता में आएगा सुधार
पीएमओ ने बताया कि पाइपलाइन से पर्यावरण हितैषी और सस्ता ईंधन घरों में पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) के रूप में मिलेगा और परिवहन क्षेत्र को कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) मिलेगी। बयान में बताया गया कि यह पाइपलाइन जिन जिलों से गुजरेगी वहां व्यावसायिक एवं औद्योगिक इकाइयों को प्राकृतिक गैस मिलेगी। स्वच्छ ईंधन के उपभोग से वायु प्रदूषण कम होगा जिससे वायु की गुणवत्ता में सुधार आएगा।