LAC विवाद पर बदले चीन के सुर, बोला- भारत के साथ सीमा मुद्दे पर नहीं बिगड़ेंगे संबंध

Edited By Tanuja,Updated: 14 Mar, 2024 11:49 AM

lac issue with india does not represent entirety of bilateral ties china

भारत के साथ  LAC विवाद पर चीन के सुर बदले नजर आ रहे हैं।  चीन ने बुधवार को कहा कि चीन-भारत सीमा मुद्दा संपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों का प्रतिनिधित्व...

बीजिंगः भारत के साथ  LAC विवाद पर चीन के सुर बदले नजर आ रहे हैं।  चीन ने बुधवार को कहा कि चीन-भारत सीमा मुद्दा संपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। इसने “गलतफहमी एवं गलत निर्णय से बचने” के लिए दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास बढ़ाने का आह्वान किया। भारत कहता रहा है कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद द्विपक्षीय संबंध बहुत ही खराब हुए थे। गलवान का संघर्ष पिछले चार दशकों से अधिक समय में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था।

 

इस सप्ताह विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने टिप्पणी की थी कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों के जमावड़े से “हमारा कोई फायदा नहीं हुआ”। इस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि सीमा मुद्दे को द्विपक्षीय संबंधों में उचित रूप से रखा जाना चाहिए। वांग ने कहा, “चीन ने कई बार इस बात पर जोर दिया है कि सीमा का सवाल संपूर्ण चीन-भारत संबंधों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, और इसे द्विपक्षीय संबंधों में उचित रूप से रखा जाना चाहिए और ठीक से संचालित किया जाना चाहिए।”

 

जयशंकर ने सोमवार को ‘एक्सप्रेस अड्डा' पर एक चीनी राजनयिक के सवाल का जवाब देते हुए कहा था, “मुझे लगता है कि यह हमारे साझा हित में है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर इतनी अधिक सेना नहीं होनी चाहिए।” जयशंकर ने कहा था, “यह हमारे साझा हित में है कि हम उन समझौतों का पालन करें, जिन पर हमने हस्ताक्षर किए हैं और मेरा मानना है कि यह न सिर्फ हमारे, बल्कि चीन के भी साझा हित में है।” उन्होंने कहा था, “पिछले चार वर्षों से हमने जो तनाव देखा है, उससे हम दोनों को कोई फायदा नहीं हुआ है।” वांग ने अपने जवाब में कहा, “चीन और भारत दोनों का मानना है कि चीन-भारत सीमा पर स्थिति का शीघ्र समाधान दोनों देशों के साझा हितों को पूरा करता है।”

 

उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष नेताओं के बीच आम समझ और राजनयिक तथा सैन्य माध्यम से संचार बनाए रखते हुए प्रासंगिक समझौतों की भावना का पालन करेंगे और प्रासंगिक सीमा मुद्दों का समाधान ढूंढेंगे, जिसे दोनों पक्षों द्वारा शीघ्र स्वीकार किया जा सके।” वांग ने कहा, “हमें उम्मीद है कि भारत हमारे साथ समान दिशा में काम करेगा और द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक ऊंचाई तथा दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखेगा।” उन्होंने कहा कि चीन को उम्मीद है कि भारत भी उसी दिशा में काम करेगा जिस दिशा में चीन कर रहा है और द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक ऊंचाई और दीर्घकालिक नजरिए से देखेगा।

 

उन्होंने कहा, “हमें आपसी विश्वास बढ़ाना चाहिए और गलतफहमी एवं ग़लत निर्णय से बचना चाहिए। हमें बातचीत और सहयोग बढ़ाना चाहिए तथा बाधाएं खड़ी करने से बचना चाहिए। हमें मतभेदों को ठीक से दूर करना चाहिए और विवाद पैदा करने से बचना चाहिए। इस तरह, हम द्विपक्षीय संबंधों को विकास के मजबूत और स्थिर रास्ते पर ला सकेंगे।” जब यह बताया गया कि जयशंकर की टिप्पणियों में पूर्वी लद्दाख में वर्तमान गतिरोध के समाधान का जिक्र है, जहां दोनों देशों ने हजारों सैनिकों को तैनात किया है, जबकि चीन ने समग्र सीमा मुद्दे का जिक्र किया है, तो वांग ने कहा “दोनों चीजें स्वाभाविक तौर पर एक जैसी हैं।”

 

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