बीएसएफ कैंप पर हुए हमले के पीछे था जैश का ‘अफजल गुरु स्क्वॉड’

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Oct, 2017 05:00 PM

lashkar  s afzal guru squad behind bsf camp attack

जैश-ए-मोहम्मद ने इस स्पेशल आतंकी विंग का गठन किया है। नगरोटा हमले के बाद यह स्क्वॉड पहली बार दुनिया की नजरों में आई थी।

श्रीनगर : जैश-ए-मोहम्मद ने इस स्पेशल आतंकी विंग का गठन किया है। नगरोटा हमले के बाद यह स्क्वॉड पहली बार दुनिया की नजरों में आई थी। सूत्रों के अनुसार जैश -ए-मोहम्मद की अफजल गुरु स्क्वॉड ने इसके लिए एयरपोर्ट की रेकी भी की थी। सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को मार गिराए गए तीनों आतंकी 11 सदस्यीय उस अफजल गुरु स्क्वॉड का हिस्सा थे, जिन्होंने दो गुटों में बंटकर 16-17 अगस्त की रात को भारत में घुसपैठ की थी।


 कहा जा रहा है कि 7 सदस्यों के पहले आतंकी समूह ने पुंछ में एलओसी सीमा के जरिए घुसपैठ की थी। इसके बाद दूसरा गुट पाकिस्तानी पंजाब के नारोवाल इलाके से भारत के गुरदासपुर में दाखिल हुआ था। इस स्क्वॉड का गठन 2014 में किया गया था। संसद हमले मामले में दोषी अफजल गुरू को फांसी दिए जाने के बाद कश्मीरी लोगों की भावनाओं को उकसाने के लिए इस संगठन को बनाया गया था। यह जैश की सबसे खतरनाक और वफादार दस्ता है। इस दस्ते का गठन खुद जैश के आका मौलाना मसूद अजहर ने किया है। फिलहाल इस दस्ते का संचालन मुम्मद भाई और अब्दुल मतीन नाम के दो आतंकी कर रहे हैं।


ये दस्ता खासतौर पर सेना के कैंपों पर हमले करने के लिए बनाया गया है। इस दस्ते के सदस्यों को फिदायीन हमलों की खास ट्रेनिंग दी जाती है। यह संगठन नियंत्रण रेखा के पार लश्कर-ए-तोयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के साथ ट्रेंन होता है इस लिए हमलों के समय ली जाने वाली जिम्मेदारी एक कॉमन हस्ताक्षर का अनुसरण करते हैं।

 

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