Edited By Mansa Devi,Updated: 11 Sep, 2025 03:18 PM

इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण सितंबर के महीने में लगने वाला है। यह खगोलीय घटना 21 सितंबर को पड़ेगी, जो आश्विन माह की अमावस्या तिथि है। हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, जिसके कारण इसका धार्मिक और ज्योतिषीय प्रभाव कम रहेगा।
नेशनल डेस्क: इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण सितंबर के महीने में लगने वाला है। यह खगोलीय घटना 21 सितंबर को पड़ेगी, जो आश्विन माह की अमावस्या तिथि है। हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, जिसके कारण इसका धार्मिक और ज्योतिषीय प्रभाव कम रहेगा।
कब और कहाँ दिखेगा सूर्य ग्रहण?
समय: यह आंशिक सूर्य ग्रहण 21 सितंबर की रात 11 बजे शुरू होगा और देर रात 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। इसकी कुल अवधि 4 घंटे से ज्यादा होगी।
भारत में दृश्यता: चूंकि यह ग्रहण भारतीय समयानुसार रात में लगेगा, इसलिए यह भारत में दिखाई नहीं देगा।
दृश्यमान क्षेत्र: यह ग्रहण मुख्य रूप से उन देशों में दिखाई देगा, जहाँ उस समय दिन का समय होगा, जैसे दक्षिणी प्रशांत महासागर, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, हिंद महासागर, और अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्से।
क्या भारत में होगा सूतक काल?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल तभी मान्य होता है जब ग्रहण दिखाई देता है। चूंकि 21 सितंबर का यह सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। इस दौरान आप सभी धार्मिक कार्य और पूजा-पाठ सामान्य रूप से कर सकते हैं।
राशियों पर क्या होगा असर?
ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण के समय सूर्य कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में रहेंगे। हालाँकि, भारत में सूतक काल न होने के कारण इसका नकारात्मक प्रभाव कम होने की उम्मीद है। फिर भी, कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के जातकों को इस अवधि में थोड़ी सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। यह एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है, लेकिन भारतीयों को इससे डरने की कोई आवश्यकता नहीं है।