देशमुख-परमबीर के खिलाफ दायर याचिका पर बंबई हाईकोर्ट की वकील को फटकार, कहा-यह घटिया तरीका

Edited By Seema Sharma,Updated: 30 Mar, 2021 04:18 PM

lawyer reprimanded on a petition filed against deshmukh parambir

बंबई हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख और मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह के खिलाफ CBI जांच का अनुरोध करने वाली याचिका को लेकर एक वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि इस तरह की याचिकाएं अकसर ‘‘घटिया प्रसिद्धि'''' के लिए दायर की जाती...

नेशनल डेस्क: बंबई हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख और मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह के खिलाफ CBI जांच का अनुरोध करने वाली याचिका को लेकर एक वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि इस तरह की याचिकाएं अकसर ‘‘घटिया प्रसिद्धि'' के लिए दायर की जाती हैं। जस्टिस एस एस शिंदे और जस्टिस मनीष पिताले की पीठ ने जयश्री पाटिल की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया कि वह CBI या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी को देशमुख के खिलाफ लगे आरोपों की जांच का निर्देश दे।

 

पाटिल ने पिछले सप्ताह याचिका दायर कर कहा था कि देशमुख और सिंह ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित आवास के बाहर मिली विस्फोटक सामग्री युक्त एसयूवी, वाहन के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या, मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी और संबंधित घटनाक्रमों के दौरान अपने पेशेवर कर्तव्य का पालन नहीं किया। देशमुख ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है। पाटिल ने मंगलवार को अदालत से कहा कि उन्होंने इस पूरे मामले में एक स्थानीय थाने में भी शिकायत दर्ज कराई है। अदालत ने कहा कि पहली नजर में हमारा मानना है कि इस प्रकार की याचिकाएं घटिया प्रसिद्धि पाने के लिए दायर की जाती हैं। यह अस्वीकार्य है।''

 

महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने पीठ से कहा कि परमबीर सिंह ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की है और इस प्रकार मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ बुधवार को सुनवाई करेगी। उन्होंने पाटिल की याचिका के बारे में कहा कि याचिका को ‘‘बहुत खराब तरीके से तैयार'' किया गया है। पीठ ने कहा कि पाटिल की याचिका में केवल राज्य के गृह मंत्री एवं सिंह के बीच हुई बातचीत को ही पेश किया गया है। पीठ ने पाटिल से कहा कि आप कानून में डॉक्टरेट हैं। अपनी याचिका में कोई मौलिक अनुरोध कीजिए। आपने केवल पूर्व आयुक्त एवं गृह मंत्री की बाचतीत फिर से पेश की है। आप केवल परिच्छेद के बाद परिच्छेद निकाल रही हैं। अदालत ने कहा कि और इससे आपका क्या लेना-देना है? आपने किस कारण याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने इसके बाद कुंभकोणी से इस मामले से संबंधित सभी यचिकाओं को एक साथ जोड़ने को कहा, ताकि कोई असंगत आदेश पारित न हो सके। अदालत पाटिल की याचिका और अन्य संबंधित याचिकाओं, यदि कोई है, पर एक अप्रैल को सुनवाई करेगी।

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