Edited By Yaspal,Updated: 14 Dec, 2020 08:45 PM
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने 10 किसान संगठनों के नेताओं से सोमवार को मुलाकात की। इस मुलाकात में तमिलनाड़ु, तेलंगाना, बिहार और महाराष्ट्र के किसान संगठनों के नेता शामिल हुए। इन 10 किसान संगठनों के नेताओं ने सरकार के कृषि बिल का समर्थन किया है। किसानों...
नई दिल्लीः कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने 10 किसान संगठनों के नेताओं से सोमवार को मुलाकात की। इस मुलाकात में तमिलनाड़ु, तेलंगाना, बिहार और महाराष्ट्र के किसान संगठनों के नेता शामिल हुए। इन 10 किसान संगठनों के नेताओं ने सरकार के कृषि बिल का समर्थन किया है। किसानों के समर्थन पर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने उनका धन्यवाद दिया है। कृषि मंत्री ने बताया कि तमिलनाडु, तेलंगाना, बिहार और महाराष्ट्र से ऑल इंडिया किसान समन्वय समिति के पदाधिकारी आए थे। सभी लोगों ने पत्र देकर कृषि सुधार बिल का समर्थन किया है। किसानों ने कहा कि मोदी सरकार ने यह काम किसानों के समर्थन में किया है हम इसका स्वागत करते है।
एआईकेसीसी के महासचिव गुणवत पाटील हंगेरगेकर ने कृषि मंत्री को एक ज्ञापन सौंपकर कुछ संशोधनों के साथ तीनों कृषि कानूनों का समर्थन करने की बात कही। एआईकेसीसी की 28 राज्यों में मौजूदगी है। इससे पहले हरियाणा और उत्तराखंड के समूहों ने नए कानूनों को अपना समर्थन दिया था।
पाटिल ने बैठक के बाद कहा, ‘‘कई साल के संघर्ष के बाद ये कानून लागू किए गए। हमें पता है कि दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुछ ताकतों ने गुमराह किया है। इन कानूनों के जरिए किसानों को आजादी मिली है। हम नहीं चाहते कि उस आजादी को खत्म कराने में इन ताकतों को कामयाबी मिले।'' उन्होंने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए कुछ संशोधन जरूरी हैं। इसे छोड़कर बाकी कानून किसान समुदाय के हित में हैं।
पाटिल ने कहा, ‘‘दो पक्षों के बीच समझौते का उल्लंघन होने की स्थिति में हम चाहते हैं कि सरकार को एक त्वरित न्यायाधिकरण का गठन करना चाहिए। ऐसा इसलिए कि अनुमंडलीय दंडाधिकारी (एसडीएम) और उपायुक्तों के पास समय नहीं होता और दीवानी अदालतों में लंबा समय लग जाता है।''