Edited By Seema Sharma,Updated: 15 Mar, 2022 03:19 PM
सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि ऐसे निजी टीवी चैनल जिनके खिलाफ सरकार ने कथित तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री प्रसारित करने के लिए कार्रवाई की, उन्हें अपना रूख स्पष्ट करने के लिये पर्याप्त मौका दिया गया।
नेशनल डेस्क: सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि ऐसे निजी टीवी चैनल जिनके खिलाफ सरकार ने कथित तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री प्रसारित करने के लिए कार्रवाई की, उन्हें अपना रूख स्पष्ट करने के लिये पर्याप्त मौका दिया गया। लोकसभा में गौरव गोगोई के पूरक प्रश्न के उत्तर में सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरूगन ने कहा कि निजी टीवी चैनलों के संबंध में नवीनीकरण के आवेदन की जांच-परख गृह मंत्रालय करता है। उन्होंने कहा कि अगर किसी चैनल की गतिविधियां राष्ट्रीय सुरक्षा के समक्ष खतरा पेश करते हुए पाई जाती हैं, तब गृह मंत्रालय उसे सुरक्षा स्वीकृति से इनकार करता है जिसके बाद स्वत: ही उसे सूचना प्रसारण मंत्रालय से प्रदान किया हुआ लाइसेंस रद्द हो जाता है ।
मुरूगन ने कहा कि अगर यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है तब इसके साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। वहीं, एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशानिर्देश 2011 के तहत मंत्रालय द्वारा अनुमति प्राप्त सभी निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों को केबल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम 1995 के तहत निर्धारित कार्यक्रम संहिता और विज्ञापन संहिता तथा उक्त अधिनियम मे विनिर्धारित अन्य प्रावधानों के अनुपालन सहित ऐसी अनुमति संबंधी शर्तो का पालन करना अपेक्षित है।
उन्होंने कहा कि अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशानिर्देश के तहत किसी सैटेलाइट टीवी चैनल को अनुमति प्रदान करना गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार सुरक्षा मंजूरी के तहत होता है। मंत्रालय अनुमति के निबंधन एवं शर्तो के उल्लंघन और कार्यक्रम संहिता के उल्लंघन के लिये टेलीविजन चैनलों के विरूद्ध कार्रवाई करता है। ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2019 से मंत्रालय ने अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशानिर्देश एवं कार्यक्रम संहिता के तहत विभिन्न उल्लंघनों के लिये 15 टीवी चैनलों के संबंध में अलग-अलग समयावधि के लिये प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई की है।