संसद में अपनी आक्रामक टिप्पणी पर कायम हैं महुआ मोइत्रा, कहा.. हकीकत बयां की

Edited By Yaspal,Updated: 08 Feb, 2023 07:37 PM

mahua moitra is adamant on her aggressive remarks in the parliament

संसद में अपनी आक्रामक टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बीच तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि अपने बयान पर कायम है

नई दिल्लीः संसद में अपनी आक्रामक टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बीच तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि अपने बयान पर कायम है। बुधवार को महुआ ने अतीत में सदन में की गई भाजपा नेताओं की कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने केवल ‘‘एक सेब को सेब कहा है।'' लोकसभा में मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के समय महुआ मोइत्रा के भाषण के दौरान तृणमूल कांग्रेस और भाजपा सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। मोइत्रा को इस दौरान कुछ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते सुना गया जिस पर आसन ने आपत्ति व्यक्त की और ऐसे शब्दों से बचने को कहा।

इस बारे में पूछे जाने पर मोइत्रा ने किसी का नाम लिये बिना कहा, ‘‘ इस सज्जन ने किसानों को दलाल कहा था। शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने राज्यसभा में डॉ शांतनु सेन के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कही थीं। यह पहली बार नहीं हो रहा है कि रिकार्ड में आक्रामक या सख्त लहजे वाले शब्दों का इस्तेमाल किया गया हो।'' तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘ जब भाजपा यह कहती है कि ‘ये महिला होकर ऐसे शब्दों का उपयोग कैसे कर सकती है' तब मुझे हंसी आती है। क्या मुझे जवाब देने के लिये पुरूष होने की जरूरत होगी ? इसलिये मैं समझती हूं कि इनकी पितृसत्तात्मक सोच सामने आ गई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने एक सेब को सेब कहा है, और मैं इस पर कायम हूं।''

महुआ ने कहा कि उन्हें केवल इस बात का खेद है कि 2021-22 के प्रारंभ में विपक्ष ने अडाणी के घोटाले को आक्रामक तरीके से नहीं रखा। वहीं, भाजपा सांसद रमेश विधूड़ी ने कहा कि लोग हमें जन प्रतिनिधि के तौर पर संसद में भेजते हैं और हमें संसद की गरिमा के अनुरूप आचरण करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘ लोग हमें देख रहे हैं। महिलाएं हमेशा गरिमा को बनाए रखती हैं..हमारी संस्कृति ऐसी है। मेरे पिता कहा करते थे कि एक व्यक्ति अपने डीएनए के अनुरूप ही काम करता है।'' विधूड़ी ने कहा कि अगर वह (महुआ) समझती हैं कि वह सही हैं तब सुदीप बंदोपाध्याय को माफी मांगने की जरूरत क्यों पड़ी। इस बारे में पूछे जाने पर भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि ऐसी घटनाएं संसद में नहीं होनी चाहिए और बोलते समय लोगों को संयम बरतना चाहिए। हेमा मालिनी ने कहा, ‘‘ भावनात्मक होने की जरूरत नहीं है।'' महुआ मोइत्रा के अपनी बात पर कायम होने के संदर्भ में हेमा ने कहा, ‘‘स्वभाव से वह ऐसी ही हैं।''

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