राष्ट्रपति के चुनाव में मिलेनियल की भूमिका रहेगी अहम

Edited By ,Updated: 28 Apr, 2016 11:58 PM

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अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव में देश के पहली मतदान करने वाले और अन्य युवा वोटर अहम भूमिका निभाएंगे। ऐसा माना जा रहा है​ कि

अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव में देश के पहली मतदान करने वाले और अन्य युवा वोटर अहम भूमिका निभाएंगे। ऐसा माना जा रहा है​ कि अमरीका में राष्ट्रपति के चुनाव में युवा वोटर बड़ी संख्या में डोनाल्ड ट्रंप की तुलना में हिलेरी क्लिंटन को भारी बहुमत दे सकते हैं। हावडर्स इंस्टीट्यूट आॅफ पॉलिटिक्स ने निष्कर्ष  निकाला है​ कि 30 वर्ष से कम आयु वाले युवा वोटरों से जब बात की गई तो उनमें से 61 प्रतिशत ने सीधेतौर पर कहा कि वे हिलेरी को अपना वोट देंगे। इनमें से 25 प्रतिशत ने ट्रंप का समर्थन किया और 14 प्रतिशत तय नहीं कर पाए कि वे किसे वोट देंगे। इस बातचीत से पता चलता है कि ये युवा वोटर हिलेरी के लिए कितने अहम हैं। वह भी इस लहर को अपनी दिशा में बहती हुई म​हसूस कर रही हैं। अमरीका में वर्ष 2000 में जन्मे इन वोटरों को मिलेनियल कहा जाता है।

इन युवा वोटरों का झुकाव रिपब्लिकन उम्मीदवारों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है। 18 से 29 साल के ये वोटर कहते हैं कि वे 2016 के चुनाव में डेमाक्रेट उम्मीदवार को विजयी देखना चाहते हैं। जबकि 33 प्रतिशत रिपब्लिकन के पक्ष में हैं। जब हावर्ड इंस्टीट्यूट ने 2015 में सर्वे किया था उस समय डेमोक्रेट्स के समर्थन में 55 और 40 प्रतिशत रिपब्लिकन की बात कर रहे थे। ऐसा समझा जा रहा है कि रिपब्लिकन पार्टी युवा वोटरों को इतनी तवज्जो नहीं दे रही है। बताया जाता है कि युवा वोटरों की नकारात्मक सोच की ट्रंप को कीमत चुकानी पड़ेगी। वे बहुत बड़ा अवसर खो चुके हैं। डेमोक्रेट्स के समर्थन में युवा अश्वेत वोटर भी अपना विश्वास व्यक्त कर रहे हैं। तीस साल से कम उम्र वाले युवा श्वेत वोटर डेमोक्रेट्स पर दो बराबर हिस्सों में विभाजित हो गए हैं। इससे डेमोक्रेट्स को दो प्वाइंट मिले हैं।

इस चुनावी सर्वे में बर्नी सेंडर्स की तुलना में हिलेरी क्लिंटन के बारे में एक हैरान कर देने वाली कमजोरी सामने आई है। जब वे युुवतियों को यह कह कर वौट देने की अपील कर रही थीं कि उन्हें देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनने का मौका देना चाहिए, तब 30 साल से कम उम्र की महिलाओं के विचार कई भागों में बंट गए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किस उम्मीदवार ने महिलाओं के जीवन को सुधारने के लिए अधिक काम किया तो बर्नी सैंडर्स का नाम आगे कर दिया गया। उन्हें 30 और हिलेरी को 26 फीसदी वोट मिले। जब 18 से 29 साल के 3,183 वोटरों को सर्वे में शामिल किया गया तो उन्होंने पक्ष व विपक्ष में 2.4 प्रतिशत प्वाइट्स दिए। इस चुनावी सर्वे का आयोजन जॉन एफ कैनेडी स्कूल आॅफ गवर्नमेंट के इंस्टीट्यूट आॅफ पालिटिक्स द्वारा वर्ष 2000 से किया जा रहा है।

एक अन्य सर्वे के अनुसार बर्नी सैंडर्स 24 साल की उम्र से कम 68 फीसदी वोटरों को प्रभावित करने में कामयाब रहे जबकि हिलेरी को 26 प्रतिशत वोटों से संतोष करना पड़ा। देशव्यापी किए गए एक सर्वे के मुताबिक हिलेरी को अपने प्रतिद्वद्वी से 15 प्रतिशत अधिक वोट मिले। माना जा रहा है कि आय की असमानता पर सैंडर्स द्वारा दिए गए बयान से इन वोटरों में रोष पाया गया। हाल में यूएस टुडे की ओर से जारी जानकारी के अनुसार क्लिंटन को 18 से 34 साल के वोटरों के 46 से 35 फीसदी वोट मिले। इसमें मौसम के बदलाव,न्याय सुधार और सीरियाई शरणार्थियों के संकट जैसे विषय रखे गए थे। 

सीएनएन पालिटिक्स के सर्वे के मुताबिक यदि नए मतदाताओं से पूछा जाए कि वे डेमोक्रेट्स या रिपब्लिकन में किस उम्मीदवार को राष्ट्रपति के पद पर देखना चाहेंगे। तब 61 प्रतिशत युवा डेमोक्रेट्स उम्मीदवार को यह जिम्मेवार सौंपना चाहते हैं। मार्च के दौरान उनका प्रतिशत 55 था। इसी प्रकार रिपब्लिकन के पक्ष में 33 प्रतिशत हाथ उठते हैं,जबकि पहले यह 40 प्रतिशत था। रि​पब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की युवाओं में अलोकप्रिय छवि है। यही हाल टेड क्रूज का भी है। उनकी तरफ 23 प्रतिशत वोटरों का झुकाव है,तीसरे उम्मीदवार जॉन कैसिच 33 प्रतिशत उनके विपक्ष में और 24 प्रतिशत उनके पक्ष में दिखे।

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