Edited By ,Updated: 02 Jan, 2017 06:52 PM
गुजरात उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि 21 वर्षीय एक व्यक्ति के खिलाफ कोई भी बलपूर्वक कार्रवाई नहीं की जाए।
अहमदाबाद : गुजरात उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि 21 वर्षीय एक व्यक्ति के खिलाफ कोई भी बलपूर्वक कार्रवाई नहीं की जाए। वह व्यक्ति 15 वर्षीय मुस्लिम लड़की के साथ भाग गया था और उसने शरिया कानून के मुताबिक उससे शादी कर ली थी। शरिया कानून में वैसी नाबालिग मुस्लिम लड़की जिसने तरणायी हासिल कर ली है उसकी शादी वैध है। न्यायमूर्ति जे.बी. पर्दीवाला ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह लड़की के कथित अपहरण की जांच करे। लड़की के पिता ने युवक जैनुल आबेदीन युसूफ गंजी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जामनगर के ‘ए’ डिवीजन थाने में 10 नवंबर, 2016 को एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
गंजी ने उच्च न्यायालय में आवेदन दायर कर प्राथमिकी को निरस्त करने की मांग की और इस बात को साबित करने के लिए ‘निकाहनामा’ पेश किया कि उसने लड़की का अपहरण नहीं किया था। राहत की मांग करते हुए उसने इसी अदालत के पहले के आदेश का भी उल्लेख किया, जिसने नाबालिग मुस्लिम लड़की की शादी को इस्लामिक कानून के अनुसार वैध ठहराया था, क्योंकि उसने तरणायी हासिल कर ली थी। अदालत ने 22 नवंबर, 2016 को उसके आवेदन को निरस्त करते हुए कहा था कि उसके खिलाफ कोई भी बलपूर्वक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए और पुलिस को निर्देश दिया कि वह जांच करे और अगर वह उचित समझती है तो गंजी के खिलाफ आरोप पत्र दायर करे।