चीन पर मोदी की प्रतिक्रिया ‘निष्प्रभावी और कमजोर', पीएम 140 करोड़ भारतीयों से मांगे माफी : कांग्रेस

Edited By Utsav Singh,Updated: 11 Apr, 2024 02:43 PM

modi s response to china  ineffective and weak  pm should apologize to indians

कांग्रेस ने सीमा उल्लंघन को लेकर चीन को ‘निष्प्रभावी और कमजोर' प्रतिक्रिया देने के लिए बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते हुए मांग की कि वह अपने जून 2020 के उस बयान के लिए 140 करोड़ भारतीयों से माफी मांगें जिसमें उन्होंने दावा...

नेशनल डेस्क : कांग्रेस ने सीमा उल्लंघन को लेकर चीन को ‘निष्प्रभावी और कमजोर' प्रतिक्रिया देने के लिए बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते हुए मांग की कि वह अपने जून 2020 के उस बयान के लिए 140 करोड़ भारतीयों से माफी मांगें जिसमें उन्होंने दावा किया था कि न तो किसी ने भारत में प्रवेश किया और न ही किसी चौकी पर कब्ज़ा किया गया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि न्यूजवीक पत्रिका को दिए गए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया बेहद कायरतापूर्ण है।सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि भारतीय संप्रभुता का चीन द्वारा बार-बार उल्लंघन किए जाने पर प्रधानमंत्री की एकमात्र टिप्पणी यह थी कि भारत-चीन सीमा स्थिति पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है ताकि द्विपक्षीय संवादों में ‘‘असामान्यता'' को दूर किया जा सके।

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चीन को एक शक्तिशाली संदेश भेजने का अवसर
रमेश ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के पास चीन को एक शक्तिशाली संदेश भेजने का अवसर था। लेकिन उनकी निष्प्रभावी और कमजोर प्रतिक्रिया से भारतीय क्षेत्र पर अपना दावा जताने के लिए चीन का हौसला और बढ़ सकता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘चीन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया न केवल अपमानजनक है बल्कि यह हमारे शहीदों का भी अपमान है जिन्होंने हमारे देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।''

देश को अंधेरे में रखने के लिए माफी मांगे पीएम
रमेश ने कहा ‘‘प्रधानमंत्री को 19 जून, 2020 को राष्ट्रीय टेलीविजन पर ‘ना कोई घुसा है, ना ही कोई घुस आया है' बयान देकर 140 करोड़ भारतीयों को धोखा देने और चीन से लगती हमारी सीमाओं की रक्षा करने में अपनी विफलताओं के बारे में देश को अंधेरे में रखने के लिए माफी मांगनी चाहिए। '' न्यूज़वीक पत्रिका को दिए एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत और चीन के बीच स्थिर और शांतिपूर्ण संबंध पूरे क्षेत्र और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सकारात्मक और रचनात्मक द्विपक्षीय बातचीत के माध्यम से राजनयिक और सैन्य स्तर पर, दोनों देश अपनी सीमाओं पर शांति बहाल करने और बनाए रखने में सक्षम होंगे।

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भारत के लिए, चीन के साथ संबंध महत्वपूर्ण
न्यूयॉर्क स्थित पत्रिका ने कहा कि भारत का ‘‘तेजी से आगे बढ़ता आर्थिक विकास और बढ़ती राजनयिक, वैज्ञानिक और सैन्य ताकत इसे अमेरिका और दुनिया के लिए लगातार बढ़ते महत्व वाली एक उभरती हुई महाशक्ति बनाता है।'' पत्रिका में ‘‘नरेन्द्र मोदी और भारत का अजेय उदय'' शीर्षक के तहत दिए गए साक्षात्कार में, प्रधानमंत्री ने आगामी लोकसभा चुनाव, पाकिस्तान के साथ रिश्ते, राम मंदिर और लोकतंत्र सहित विभिन्न मुद्दों पर बात की।प्रधानमंत्री का यह साक्षात्कार हाल-फिलहाल में किसी अमेरिकी पत्रिका को दिया गया पहला साक्षात्कार है। इसमें मोदी ने कहा कि भारत के लिए, चीन के साथ संबंध महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय हैं।

चीन के साथ शांतिपूर्ण संबंध पूरे दुनिया के लिए महत्वपूर्ण
उन्होंने कहा ‘‘मेरा यह मानना ​​है कि हमें अपनी सीमाओं पर लंबे समय से चली आ रही स्थिति के तत्काल समाधान की आवश्यकता है ताकि हमारे द्विपक्षीय संवादों में असामान्यता को पीछे छोड़ा जा सके। भारत और चीन के बीच स्थिर और शांतिपूर्ण संबंध न केवल हमारे दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र एवं दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं।'' मोदी ने कहा था, ‘‘मुझे आशा और विश्वास है कि राजनयिक और सैन्य स्तरों पर सकारात्मक और रचनात्मक द्विपक्षीय बातचीत के माध्यम से, हम अपनी सीमाओं पर शांति और स्थिरता बहाल करने और बनाए रखने में सक्षम होंगे।''

 

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