मोदी सरकार के अच्छे दिन, सामान्य रहेगा मानसून, महंगाई होगी कम !

Edited By shukdev,Updated: 30 May, 2018 07:25 PM

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आर्थिक मोर्चे पर मुश्किलों का सामना कर रही मोदी सरकार को मौसम विभाग ने राहत की खबर दी है। मानसून केरल के तटीय इलाकों में दस्तक दे चुका है। इस बार मानसून समय से पहले आया है जिससे आम लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान में...

नई दिल्ली : आर्थिक मोर्चे पर मुश्किलों का सामना कर रही मोदी सरकार को मौसम विभाग ने राहत की खबर दी है। मानसून केरल के तटीय इलाकों में दस्तक दे चुका है। इस बार मानसून समय से पहले आया है जिससे आम लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान में इस साल मानसून सामान्य रहेगा। यह लगातार तीसरा साल है जब मानसून सामान्य रहेगा। हालांकि उत्तर पूवी राज्यों में मानसून सामान्य से कम रहने का अनुमान है। मानसून के केरल के तटीय इलाकों में पहुंचते ही शेयर बाजार पर भी सकारात्मक प्रभाव नजर आया।
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मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर-पूर्व के राज्यों में सामान्य से कुछ कम लगभग 93 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान है। वहीं उत्तर-पश्चिम में 100 प्रतिशत, मध्य भारत में 99 प्रतिशत, दक्षिण भारत में सामान्य से कुछ कम 95 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान है।

देश की अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
जानकारों के मुताबिक अगर मौसम विभाग का पूर्वानुमान सही साबित होता है तो इसका सीधा असर मोदी सरकार पर भी होगा। जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले अच्छे मानसून का सीधा फायदा  सत्ताधारी पार्टी को मिलता है। सामान्य मानसून की स्थिति में खरीब की फसलों की अच्छी पैदावार होती है जिसका सीधा असर किसानों की आमदनी पर भी पड़ता है। यह देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देने का काम करेगा।
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अच्छे मानसून से ब्याज दरों में होगी कटौती
मानसून के सामान्य से अच्छा रहने पर रिजर्व बैंक भी ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। पिछले तीन सालों में रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं की है। ऐसे में इस साल अच्छे मॉनसून के चलते रिजर्व बैंक की यह दलील काम नहीं आएगी कि खराब मानसून के चलते ब्याज दरें कम नहीं कर सकता। 
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93 से 101 प्रतिशत तक हो सकती है बारिश
इस पूर्वानुमान में हालांकि घटबढ़ की संभावना पांच प्रतिशत से घटाकर चार प्रतिशत कर दी गई है। इसका मतलब यह हुआ कि इस साल बारिश औसत के 93 से 101 प्रतिशत तक हो सकती है। वर्ष 1951 से 2000 के बीच मानसून के चार महीनों (जून से सितंबर) में देश में बारिश का औसत 89 सेंटीमीटर रहा है। विभाग ने बताया कि इस साल उत्तर-पश्चिम में औसत के 100 प्रतिशत, मध्य भारत में 99 प्रतिशत, दक्षिण में 95 प्रतिशत और उत्तर-पूर्व में 93 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान है।
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जुलाई में बारिश दीर्घावधि औसत का 101 प्रतिशत और अगस्त में 94 प्रतिशत बारिश का पूर्वानुमान है। दक्षिण- पश्चिम मानसून इस साल समय से तीन दिन पहले 29 मई को केरल तट पर पहुंचा था। आज सुबह तक यह पूरे केरल को अपने दायरे में लेता हुआ कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों तथा कुछ अन्य हिस्सों और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों तक पहुंच चुका है।

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