Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Apr, 2018 01:09 PM
गुजरात के भावनगर जिले में करीब 5,000 से ज्यादा किसान राज्य विद्युत उपक्रम द्वारा भूमि अधिग्रहण किए जाने के खिलाफ संघर्षरत हैं। इन किसान परिवारों ने अधिकारियों को पत्र लिखकर ‘इच्छा मृत्यु’ की अनुमति मांगी है।
अहमदाबादः गुजरात के भावनगर जिले में करीब 5,000 से ज्यादा किसान राज्य विद्युत उपक्रम द्वारा भूमि अधिग्रहण किए जाने के खिलाफ संघर्षरत हैं। इन किसान परिवारों ने अधिकारियों को पत्र लिखकर ‘इच्छा मृत्यु’ की अनुमति मांगी है। किसान संगठन के एक नेता ने ऐसा दावा किया है।
किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले एक संगठन, ‘गुजरात खेदुत समाज’ के सदस्य और एक स्थानीय किसान नरेन्द्र सिंह गोहिल ने दावा किया, 'इस कदम से प्रभावित होने वाले 12 प्रभावित गांवों के किसानों और उनके परिवार के सदस्यों को मिलाकर कुल 5,259 लोगों ने ‘इच्छा मृत्यु’ की मांग की है क्योंकि उनकी खेती वाली जमीन को प्रदेश सरकार और गुजरात बिजली निगम लिमिटेड (जीपीसीएनल) द्वारा जबरन छीना जा रहा है।’’ उन्होंने दावा किया कि इन किसानों और उनके रिश्तेदारों के द्वारा हस्ताक्षरित इस पत्र को भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री गुजरात के मुख्यमंत्री को भेजा गया है। भावनगर के जिलाधीश हर्षद पटेल ने कहा कि किसानों ने इन पत्रों को कलेक्ट्रेट के रजिस्ट्री शाखा में डाला है जिसमें उन्होंने ‘इच्छा मृत्यु’ की मांग की है।
पत्र में, किसानों ने राज्य सरकार और जीपीसीएल पर आरोप लगाया है कि उन्हें जमीन खाली करने के लिए पुलिस बल का उपयोग कर रही है जिस पर वे वर्षो से खेती करते आ रहे हैं। किसानों ने आरोप लगाया कि बिजली कंपनी द्वारा अधिग्रहण के 20 साल से अधिक समय के बाद अब जीपीसीएल जमीन पर आधिपत्य कायम करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह का कदम कानून के खिलाफ है।
गोहिल ने कहा, 'भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 के अनुसार, कोई कंपनी उस भूमि का कब्जा नहीं ले सकता जिसे उसने 5 वर्ष से अधिक समय पहले अधिग्रहण किया हो।' ऐसी भूमि पर कब्जा लेने के लिए, कंपनी को नए सिरे से अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करनी होगी।'