दिल्ली कैबिनेट का बड़ा फैसला, अब बिना नाम की योजना के जरिए दिल्लीवालों के घर पहुंचेगा राशन

Edited By Anil dev,Updated: 24 Mar, 2021 05:27 PM

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दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना को अब बिना किसी नाम के गरीबों को घर-घर राशन पहुंचाने का बड़ा फैसला किया है जिसकी दिल्ली कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में बुधवार को हुई दिल्ली कैबिनेट ने...

नेशनल डेस्क: दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना को अब बिना किसी नाम के गरीबों को घर-घर राशन पहुंचाने का बड़ा फैसला किया है जिसकी दिल्ली कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में बुधवार को हुई दिल्ली कैबिनेट ने बिना नाम के घर-घर राशन पहुंचाने का निर्णय लिया। केजरीवाल ने कहा कि हम श्रेय लेने के लिए नहीं यह नहीं कर रहे हैं। हमारा मकसद केवल जनता तक ईमानदारी से साफ-सुथरा राशन पहुंचाना है। अब पात्र गरीब परिवारों को गेहूं की जगह आटा, चीनी और चावल बोरी के पैकेट में पैक कर उनके घर पहुंचाया जाएगा। यह सभी गतिविधियां खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा पूरी की जाएंगी। 

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योजना का नाम हटाने के प्रस्ताव को  दी गई मंजूरी
इससे पहले दिल्ली सरकार मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना के तहत पैकेट बंद राशन लोगों के घर पहुंचाने की घोषणा की थी, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी। केंद्र सरकार द्वारा मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना पर रोक लगाने के बाद केजरीवाल की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें योजना का नाम हटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। अब इस योजना का कोई नाम नहीं है, लेकिन केजरीवाल सरकार पात्र परिवारों के घर-घर पैकेट बंद राशन पहुंचाएगी। सरकार का कहना है कि पैकेट बंद राशन घर-घर पहुंचाने से राशन माफियाओं को जड़ से खत्म किया जा सकेगा और वास्तविक लाभार्थियों तक राशन पहुंचा सकेगा। 

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केंद्र सरकार को थी मुख्यमंत्री शब्द पर आपत्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक राशन की दुकनों पर लोगों को राशन लेने में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार लोगों को राशन नहीं मिल पाता है और माफिया राज भी था। इसलिए दिल्ली सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रत्येक राशन कार्ड धारक को जितना गेंहू बनता है, उतना ही आटा और चावल को एक बोरी में पैक कर उनके घर-घर पहुंचाया जाएगा, ताकि वास्तविक व्यक्ति तक राशन पहुंच सके। केंद्र सरकार द्वारा योजना पर रोक लगाने से दिल्ली सरकार को धक्का लगा। शायद केंद्र सरकार को मुख्यमंत्री शब्द पर आपत्ति थी। इसलिए योजना को बिना नाम के ही शुरू करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि हमारा 20-22 साल पुराना सपना है कि हम वास्तविक लोगों के घर-घर तक राशन पहुंचा सकें। हमारा मकसद केवल जनता तक ईमानदारी से साफ-सुथरा और सस्ता राशन पहुंचाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आम आदमी पार्टी की सरकार किसी तरह का श्रेय के लिए काम नहीं कर रही है। काम सारा हमारा, सारी जिम्मेदारी हमारी और सारा श्रेय उनका। 

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