Edited By ,Updated: 22 Jan, 2016 04:18 PM
देश में बढ़ती असहिष्णुता के विरोध में साहित्यकारों द्वारा अपने साहित्य अकदामी अवॉर्ड लौटाने वाले साहित्यकार उदय प्रकाश तथा जवाहर लाल नेहरू की भांजी नयनतारा...
नई दिल्ली: देश में बढ़ती असहिष्णुता के विरोध में साहित्यकारों द्वारा अपने साहित्य अकदामी अवॉर्ड लौटाने वाले साहित्यकार उदय प्रकाश तथा जवाहर लाल नेहरू की भांजी नयनतारा सहगल अपने अवॉर्ड वापस लेने पर राजी हो गए हैं। ये दोनों उन
साहित्यकार में से एक थे जिन्होंने अवॉर्ड वापसी कैंपने की शुरुआत की थी। इन दोनों सहित 10 साहित्यकारों ने अपने पुरस्कार वापस ले लिए हैं।
इनके अलावा राजस्थानी लेखक नंद भारद्वाज भी पुरस्कार वापसी के लिए सहमत हो गए हैं। सहगल ने अपना एक लाख रुपए का चेक भी लौटा दिया था। सहगल ने कहा कि अकादमी ने मुझे एक चिट्ठी लिखी है। इसमें कहा गया है कि लौटाया हुआ अवॉर्ड वापस लेना हमारी नीति के खिलाफ है। इसलिए हम यह अवॉर्ड आपको वापस भेज रहे हैं।
वहीं लेखक नंद भारद्वाज का कहना है कि वो इस पूरे मसले पर साहित्य अकादमी की प्रतिक्रिया से संतुष्ट हैं। इसलिए उन्होंने भी अपना अवॉर्ड वापस ले लिया है। दोनों लेखकों ने अवॉर्ड वापस लेने की पुष्टि की है।
बता दें कि 88 साल की नयनतारा को साहित्य अकादमी पुरस्कार 1986 में आए उनके उपन्यास 'रिच लाइक अस' के लिए दिया गया था। उन्होंने अवॉर्ड लौटाते हुए कहा था, मोदी के राज में हम पीछे की तरफ जा रहे हैं। हिंदुत्व के दायरे में सिमट रहे हैं। भारतीय खौफ में जी रहे हैं। उन्होंने साहित्य अकादमी पर भी चुप्पी साधे रखने का आरोप लगाया था।