New Education Policy: दिल्ली में लागू हुआ नया शिक्षा कानून, अब बिना अनुमति नहीं बढ़ेगी स्कूल फीस; जानिए बिल की खास बातें

Edited By Updated: 19 Aug, 2025 02:57 PM

new education policy new education law implemented in delhi schools

दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) अधिनियम, 2025 को उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंजूरी दे दी है। सरकार ने इसे आधिकारिक तौर पर अधिसूचित कर दिया है, जिसके बाद यह कानून आज से दिल्ली में प्रभावी हो गया है।

नेशनल डेस्क: दिल्ली सरकार ने स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) अधिनियम, 2025 को लागू कर दिया है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस अधिनियम को अपनी मंजूरी दे दी है, जिसके बाद इसे आधिकारिक रूप से अधिसूचित कर दिया गया है और यह कानून आज से दिल्ली में प्रभावी हो गया है।

दिल्ली विधानसभा ने आठ अगस्त 2025 को इस विधेयक को पारित किया था। इस अधिनियम का उद्देश्य निजी स्कूलों में फीस निर्धारण की प्रणाली को पारदर्शी, जवाबदेह और सहभागी बनाना है। अधिनियम के तहत प्रत्येक स्कूल में फीस नियंत्रित समिति गठित करना अनिवार्य होगा, जिसमें अभिभावक, शिक्षक, स्कूल प्रबंधन और सरकार के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस समिति के माध्यम से फीस निर्धारण में सभी की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

फीस वृद्धि पर पूर्व अनुमति अनिवार्य
अब किसी भी प्रकार की फीस वृद्धि के लिए स्कूलों को पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा। बिना अनुमति के फीस बढ़ाने वाले स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस अधिनियम में बहुस्तरीय शिकायत निवारण व्यवस्था भी स्थापित की गई है, जिससे अभिभावक फीस से संबंधित शिकायतें वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष आसानी से दर्ज करा सकेंगे। साथ ही विवादित फीस वसूलने पर छात्रों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई गई है।

फीस तीन वर्ष तक स्थिर रहेगी
सरकार ने इस अधिनियम के तहत तय किया है कि स्वीकृत फीस तीन शैक्षणिक वर्षों तक यथावत रहेगी, जिससे बार-बार फीस बढ़ोतरी की समस्या से अभिभावकों को राहत मिलेगी। फीस निर्धारण का पूरा विवरण स्कूल की वेबसाइट, नोटिस बोर्ड तथा हिंदी, अंग्रेजी और स्थानीय भाषा में खुले तौर पर प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा।

उल्लंघन पर जुर्माना
अधिनियम में यह प्रावधान भी है कि मनमानी और अवैध फीस वसूलने वाले स्कूलों पर भारी आर्थिक जुर्माना लगाया जाएगा। यह कदम शिक्षा क्षेत्र में मुनाफाखोरी को रोकने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का बयान
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस कानून को लागू किए जाने पर कहा कि यह अधिनियम दिल्ली के परिवारों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। उन्होंने कहा, “पूर्व सरकारों ने शिक्षा क्षेत्र में फीस निर्धारण को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई, जिसके कारण अभिभावकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई स्कूलों ने 30 से 45 प्रतिशत तक फीस बढ़ा दी थी। इस अधिनियम से शिक्षा के व्यवसायीकरण पर अंकुश लगेगा और फीस निर्धारण में पारदर्शिता, जवाबदेही और निष्पक्षता सुनिश्चित होगी।”

मुख्य विशेषताए:-

मनमानी फीस वसूली बंद: स्कूल तय की गई फीस से अधिक शुल्क वसूल नहीं कर सकेंगे।

फीस समिति का गठन: हर स्कूल में प्रबंधन, शिक्षक, अभिभावक, महिलाएं और वंचित वर्ग के सदस्य शामिल होंगे।

तीन वर्षों तक फीस स्थिर: फीस में तीन शैक्षणिक वर्षों तक कोई बदलाव नहीं होगा।

सख्त दंड: अधिक फीस लेने वाले स्कूलों पर भारी आर्थिक जुर्माना लगाया जाएगा।

शिकायत निवारण: जिला स्तरीय और उच्च स्तरीय पुनरीक्षण समितियां शिकायतों का त्वरित निपटारा करेंगी।

फीस की जानकारी सार्वजनिक: फीस का पूरा विवरण स्कूल के नोटिस बोर्ड और वेबसाइट पर सार्वजनिक होगा।

अभिभावकों और छात्रों के लिए फायदे
यह कानून अभिभावकों को फीस निर्धारण में सशक्त भूमिका देता है और छात्रों को शोषण से बचाता है। साथ ही यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्य के अनुरूप है, जो शिक्षा में मुनाफाखोरी पर रोक लगाने का प्रयास करती है। इससे दिल्ली के शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता और निष्पक्षता बढ़ेगी।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!