Edited By Sahil Kumar,Updated: 21 Dec, 2025 06:51 PM

2025 में सोना-चांदी की कीमतों में ऐतिहासिक उछाल देखा गया। सोने के भाव में 74% और चांदी में 129% की बढ़ोतरी ने आम खरीदारों की क्षमता पर असर डाला। महंगाई के चलते लोग भारी गहनों की बजाय ‘लाइटवेट’ ज्वेलरी खरीदने लगे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि 2026...
नेशनल डेस्कः 2025 में सोना-चांदी की कीमतों ने निवेशकों के होश उड़ा दिए। सोने के भाव में 74% और चांदी में 129% की ऐतिहासिक बढ़ोतरी ने आम आदमी की बचत और खरीददारी पर गहरा असर डाला है। महंगाई के इस दौर ने खरीदारों की प्राथमिकताएं बदल दी हैं और बाजार में ‘लाइटवेट’ ज्वेलरी की मांग बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि 2026 में निवेश के लिए सूझबूझ और अनुशासन ही सफलता की कुंजी होगी।
चांदी ने तोड़ा रिकॉर्ड
सिर्फ सोने ही नहीं, चांदी ने भी निवेशकों को चौंका दिया। साल 2025 चांदी के लिए रिकॉर्ड साबित हुआ। इस धातु ने निवेशकों को 129 फीसदी से अधिक का मुनाफा दिया। दिल्ली में चांदी की कीमत 2,07,600 रुपये प्रति किलोग्राम के ऐतिहासिक स्तर तक पहुंच गई। इसका मुख्य कारण उद्योग और ग्रीन एनर्जी सेक्टर में बढ़ती मांग है। अब चांदी केवल ‘गरीबों का सोना’ नहीं रही, बल्कि यह एक ‘मल्टीबैगर’ एसेट क्लास बन चुकी है, जिसने सोने को भी पीछे छोड़ दिया।
भारी गहनों की जगह ‘लाइटवेट’ ज्वेलरी
महंगाई ने भारतीय खरीदारों की प्राथमिकताओं को बदल दिया है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, अमीर निवेशक सोने के सिक्के और ईंटों में निवेश कर रहे हैं, जबकि मध्यम और निम्न आय वर्ग भारी-भरकम गहनों से दूर होकर ‘लाइटवेट’ 22 कैरेट गहनों को प्राथमिकता दे रहे हैं। इस बदलाव का सबसे बड़ा असर छोटे ज्वेलरों पर पड़ा है, क्योंकि उनकी रोजमर्रा की बिक्री घट गई है।
कीमतों में उछाल कारण
केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए सोने की खरीद कर रहे हैं।
भू-राजनीतिक तनाव: वैश्विक युद्ध और ट्रेड वॉर के माहौल में निवेशक सोने को सुरक्षित निवेश मान रहे हैं।
रुपये की कमजोरी: डॉलर के मुकाबले रुपये कमजोर होने से सोना भारतीय निवेशकों के लिए महंगा हो गया है।
2026 में निवेश के लिए सलाह
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले साल के प्रदर्शन को देखकर भविष्य का फैसला न करें। 2026 में निवेश के लिए अनुशासित रणनीति जरूरी है। यदि पोर्टफोलियो में सोने का हिस्सा ज्यादा है, तो मुनाफा निकालकर उसे इक्विटी या अन्य एसेट्स में लगाना समझदारी होगी। विशेषज्ञों के अनुसार, एकमुश्त निवेश की बजाय ‘सिप’ (SIP) के जरिए गोल्ड ईटीएफ या म्यूचुअल फंड में मासिक निवेश करना बेहतर रहेगा।