Edited By Tanuja,Updated: 26 Sep, 2019 04:43 PM
वैश्विक मंच पर टैरेरिरस्तान की छवि लेकर बईज्ज्त होने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हिंदू धर्म पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि वैसे तो आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता..
न्यूयॉर्कः वैश्विक मंच पर टैरेरिरस्तान की छवि लेकर बईज्ज्त होने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हिंदू धर्म पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि वैसे तो आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता लेकिन आत्मघाती हमला करने वाले 75 प्रतिशत हिंदू ही होते हैं । अमरीका में इमरान खान ने बुधवार को कहा कि समुदायों के हाशिए पर जाने से कट्टरता पैदा होती है।
इमरान ने कहा कि 11 सितंबर के हमले से पहले श्रीलंका में 75 प्रतिशत आत्मघाती हमले तमिल टाइगरों ने किए, जो हिंदू थे, उनकी कोई बात नहीं करता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा से अलग पाकिस्तान और तुर्की द्वारा संयुक्त रूप से घृणास्पद भाषण पर आयोजित गोलमेज बैठक में इमरान ने कहा, "आत्मघाती हमलों से जुड़े हिंदुत्व के बारे में कोई बात नहीं करता है।" बता दें कि तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन के साथ इमरान खान ने सम्मेलन को संबोधित किया।
गोलमेज में यूनाइटेड नेशंस अलायंस ऑफ सिविलाइजेशंस (UNAOC ) के उच्च प्रतिनिधि मिगुएल एंजेल मोराटिनोस ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि दुनिया से घृणा भाषण को खत्म करने की जरूरत है। इमरान खान ने कहा कि आतंकवाद से इस्लाम का रिश्ता 11 सितंबर, 2001 के हमलों के बाद से जुड़ गया और पश्चिमी देशों के नेताओं ने बार-बार इस्लामिक आतंकवाद और इस्लामिक कट्टरता जैसे शब्दों का उपयोग किया। उन्होंने कहा, "जब आप इस्लामिक कट्टरता शब्द का उपयोग करते हैं तो इसका मतलब है कि इस्लाम में कट्टरता पैदा करने जैसा कुछ है।"
उन्होंने कहा कि जब जापानी आत्मघाती हमलावरों ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकी जहाजों पर हमले किए, तो किसी ने उनके धर्म पर आरोप नहीं लगाया। उन्होंने कहा, "क्योंकि धर्म का इससे कोई लेना-देना नहीं है।" उन्होंने कहा, "लगभग सभी धर्म राजनीति से जुड़े हैं। यह राजनीतिक अन्याय है जो लोगों में निराशा पैदा करता है।"