इस राज्य से केवल तीन महिलाएं ही पहुंच पाईं लोकसभा, इस बार चुनाव मैदान में केवल दो महिलाएं

Edited By Utsav Singh,Updated: 08 May, 2024 07:13 PM

only 3 women from this state reach lok sabha this time only 2 in fray

पिछले 72 सालों में हिमाचल प्रदेश से महज तीन महिलाएं ही लोकसभा पहुंच पायी हैं तथा इस बार भी चुनाव मैदान में महज दो महिला प्रत्याशी ही हैं। राज्य में कुल मतदाताओं में से करीब 49 प्रतिशत महिलाएं हैं।

नेशनल डेस्क : पिछले 72 सालों में हिमाचल प्रदेश से महज तीन महिलाएं ही लोकसभा पहुंच पायी हैं तथा इस बार भी चुनाव मैदान में महज दो महिला प्रत्याशी ही हैं। राज्य में कुल मतदाताओं में से करीब 49 प्रतिशत महिलाएं हैं। अब तक लोकसभा पहुंचने में सफल रहीं तीन प्रत्याशी राजकुमारी अमृत कौर, चंद्रेश कुमारी और प्रतिभा सिंह राजपरिवारों से हैं। इस बार, केवल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने राज्य में चार लोकसभा सीटों पर 1 जून को होने वाले चुनाव के लिए महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने अभिनेत्री कंगना रनौत को मंडी से और बसपा ने रेखा रानी को कांगड़ा से चुनाव मैदान में उतारा है। 

PunjabKesari

महिलाओं द्वारा राजनीति में ऊंचाई पर जाना एक बड़ी चुनौती
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख रमेश चौहान ने कहा, ‘‘ सामान्य पृष्ठभूमि की महिलाओं द्वारा राजनीति में ऊंचाई पर पहुंचना और अपने लिए एक जगह बना पाना अब भी देश में एक बड़ी चुनौती है तथा हिमाचल प्रदेश कोई अपवाद नहीं है। फिलहाल राज्य में कुल मतदाताओं में से 49 प्रतिशत मतदाता महिला हैं लेकिन प्रतिनिधित्व एक चौथाई भी नहीं है और यह गंभीर चिंता का विषय है।'' चौहान ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा कि राजनीति में जो मायने रखता है वह यह है किसके पास निर्णय लेने की ताकत है। आम तौर पर यह ताकत पुरूषों के पास होती है लेकिन, जबतक महिलाओं को अहम पद नहीं दिये जाते हैं तबतक वे ‘सशक्त' होकर नहीं उभरेंगी और अपने वर्चस्वशील पुरूष समकक्षों से आगे नहीं निकल पायेंगी।

PunjabKesari

महिलाएं विधानसभा जाने की भी इच्छुक नहीं
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान का अध्यापन करने वाले कमल मनोहर शर्मा का कहना है कि राज्य में महिलाओं का दर्जा ऊंचा रहा है और महिलाओं के लिए आरक्षण लाये जाने से पहले ही मंडी, किन्नौर और कांगड़ा जिलों में महिला प्रधान निर्वाचित हुई हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन महिलाएं विधानसभा जाने की भी इच्छुक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा राजनीतिक दलों ने भी सामान्य पृष्ठभूमि की महिलाओं को प्रोत्साहित नहीं किया। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि राजनीतिक दल महिला मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए हर तरह की चेष्टा तो करते हैं लेकिन जब उम्मीदवारी की घोषणा की बारी आती है तो महिलाओं को बहुत ही कम अवसर मिलते हैं।

पहली स्वास्थ्य मंत्री मंडी निर्वाचन से निर्वाचित हुई थीं
राज्य में 1 जून को लोकसभा चुनाव के सातवें एवं आखिरी चरण के मतदान में हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और शिमला (अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित) सीटों पर कुल 56,38,422 मतदाता हैं जिनमें 28,79,200 पुरूष, 27,59,187 महिलाएं एवं 35 तृतीय लिंगी हैं। भारत की पहली स्वास्थ्य मंत्री अमृत कौर 1952 में मंडी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुई थीं। वह कपूरथला राजपरिवार से थीं। उनके बाद 1984 तक किसी महिला को टिकट नहीं मिला।

PunjabKesari


वीरभद्र सिंह 2009 में मंडी सीट से जीत कर संसद पहुंचे
हालांकि 1984 में चंद्रेश कुमारी को कांग्रेस ने कांगड़ा से चुनाव मैदान में उतारा और वह चुनाव जीत गयीं। वह जोधपुर राजपरिवार से थीं और उनकी हिमाचल प्रदेश में शादी हुई थी। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने 1998 में लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन हार गयी थीं। उसके बाद वह 2004 में चुनाव जीत गयीं। तब उनके पति वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री थे। वीरभद्र सिंह 2009 में मंडी लोकसभा सीट से जीत कर संसद पहुंचे लेकिन 2012 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें सांसद पद छोड़ना पड़ा। तब प्रतिभा सिंह 2013 में उपचुनाव जीतीं। वह नवंबर, 2021 में भी उपचुनाव जीतीं। प्रतिभा सिंह ने 2014 में फिर से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा के राम स्वरूप से हार गईं, जो 2019 में फिर से चुने गए। लेकिन मार्च 2021 में राम स्वरूप के निधन के बाद यह सीट खाली हो गई। 

PunjabKesari


हार गई थी कैप्टन विक्रम बत्रा की मां 
वीरभद्र सिंह के निधन के बाद नवंबर 2021 में हुए उपचुनाव में प्रतिभा सिंह ने तीसरी बार इस सीट से जीत हासिल की। ​​ आम आदमी पार्टी (आप) ने 2014 में करगिल युद्ध के नायक कैप्टन विक्रम बत्रा की मां कमलकांता बत्रा को हमीरपुर से चुनाव मैदान में उतारा, लेकिन उन्हें केवल 15,329 वोट मिले और वह हार गईं।

PunjabKesari

यहां तक ​​कि 68 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व बेहद कम रहा है और 1967 तक कोई भी महिला निर्वाचित नहीं हुई थी। 1977 और 2022 में केवल एक-एक महिला विधानसभा में पहुंची। हालांकि, 1998 के चुनावों में सबसे ज्यादा सात महिलाएं राज्य विधानसभा के लिए चुनी गईं। अब तक राज्य से आठ महिलाएं राज्यसभा के लिए चुनी गई हैं।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!