Edited By ,Updated: 23 Dec, 2016 11:21 AM
पीएम नरेंद्र मोदी की 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद सरकार पूरे देश में कैशलेस इकॉनमी की लागू करने की पूरी कोशिश कर रही है। मोदी सरकार कैशलेस को जमकर बढ़ावा देने की बात कह रही है, लेकिन खुद पीएम मोदी के भाई इससे अभी तक कोसो दूर हैं.
नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी की 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद सरकार पूरे देश में कैशलेस इकॉनमी की लागू करने की पूरी कोशिश कर रही है। मोदी सरकार कैशलेस को जमकर बढ़ावा देने की बात कह रही है, लेकिन खुद पीएम मोदी के भाई इससे अभी तक कोसो दूर हैं, मोदी के भाई प्रहलाद मोदी ही अभी तक अपनी दुकान को कैशलेस नहीं कर पाए हैं। खबर के मुताबिक प्रहलाद अहमदाबाद में फेयर प्राइस शॉप ओनर्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट हैं और उनकी खुद की भी एक फेयर प्राइस की दुकान है।
कैशेलस ट्रांजैक्शंस को रफ्तार पकडऩे में लग सकता है समय
वहीं, प्रह्लाद मोदी का कहना है कि कैशेलस ट्रांजैक्शंस को रफ्तार पकडऩे में अभी कुछ समय लग सकता है क्योंकि उचित मूल्य की दुकानों के मालिकों में इसको लेकर कुछ चिंताएं हैं। उन्होंने एक अखबार से बात करते हुए कहा है कि अभी बैंक हमें स्वाइपिंग मशीनें देंगे और उन मशीनों पर रेंटल चार्ज भी लगेगा। ट्रांजैक्शंस पर कुछ सर्विस चार्ज भी लगेगा और हम जैसे लोगों के लिए जो कि कमीशन बेसिस पर काम करते हैं, उन्हें दिक्कत होगी। इसलिए हम सरकार से यह चार्जेज हटाने या बैंकों को चार्ज देने के लिए कह रहे हैं।
दुकान पर नहीं लगाया कोई डिजिटल वॉलेट
प्रह्लाद मोदी ने कहा कि अभी तक उन्होंने अपनी दुकान पर कोई पीओएस मशीन या डिजिटल वॉलेट भी नहीं लगाया है। उन्होंने कहा, अभी तक मेरे पास कोई कस्टमर नहीं आया है जो पेटीएम या इसी तरह के किसी दूसरे माध्यम से भुगतान करना चाहता हो। उन्होंने कहा कि आमतौर पर लोगों के पास राशन की दुकानों के लिए कैश होता है, इसलिए दुकान मालिकों को अभी तक नोटबंदी का असर ज्यादा महसूस नहीं हुआ है।