वीके पांडियन ने सक्रिय राजनीति से लिया संन्यास, ओडिशा में BJD की करारी हार की जिम्मेदारी ली

Edited By rajesh kumar,Updated: 09 Jun, 2024 03:54 PM

odisha vk pandian retires from active politics

ओडिशा से इस वक्त बड़ी खबर सामने आई है। बीजू जनता दल के नेता वीके पांडियन ने रविवार को सक्रिय राजनीति छोड़ने का फैसला किया।

नेशनल डेस्क: ओडिशा से इस वक्त बड़ी खबर सामने आई है। बीजू जनता दल के नेता वीके पांडियन ने रविवार को सक्रिय राजनीति छोड़ने का फैसला किया। यह घोषणा ओडिशा विधानसभा चुनावों में नवीन पटनायक की बीजेडी की हार के कुछ ही दिनों बाद हुई है।

किसी को ठेस पहुंचाई है तो मुझे खेद है- पांडियन
वीके पांडियन ने एक वीडियो संदेश में कहा, "अब, मैं जानबूझकर खुद को सक्रिय राजनीति से अलग करने का फैसला करता हूं। अगर मैंने इस यात्रा में किसी को ठेस पहुंचाई है तो मुझे खेद है। मुझे खेद है कि मेरे खिलाफ इस अभियान की बीजेडी की हार में कोई भूमिका रही है।"

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मुझे ओडिशा के लोगों से अपार प्यार और सम्मान मिला
बीजू जनता दल के नेता ने कहा, "मैं एक बहुत ही साधारण परिवार और एक छोटे से गांव से आता हूं। बचपन से मेरा सपना आईएएस में शामिल होकर लोगों की सेवा करना था। भगवान जगन्नाथ ने इसे पूरा किया। केंद्रपाड़ा से मेरे परिवार की वजह से मैं ओडिशा आया। जिस दिन से मैंने ओडिशा की धरती पर पैर रखा, मुझे ओडिशा के लोगों से अपार प्यार और सम्मान मिला है। मैंने लोगों के लिए बहुत मेहनत करने की कोशिश की है।"
 

12 साल पहले ओडिशा के मुख्यमंत्री कार्यालय में शामिल हुए पांडियन ने नवीन पटनायक के लिए काम करना "सम्मान" बताया। पांडियन ने कहा, "मैंने उनसे जो अनुभव और सीख प्राप्त की, वह जीवन भर के लिए है। ओडिशा के लिए उनके विजन को लागू करने की उनकी मुझसे अपेक्षा थी और उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में कई मील के पत्थर सफलतापूर्वक पार किए।"

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लोग तय करेंगे कि मेरा उत्तराधिकारी कौन होगा- नवीन पटनायक
ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद बीजेडी प्रमुख नवीन पटनायक ने अपने उत्तराधिकारी को लेकर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि पांडियन उनके उत्तराधिकारी नहीं हैं।नवीन पटनायक ने कहा, ''ओडिशा के लोग तय करेंगे कि मेरा उत्तराधिकारी कौन होगा। पांडियन पार्टी के सदस्य हैं और उनकी आलोचना दुर्भाग्यपूर्ण थी। वह पार्टी में शामिल हुए और किसी पद पर नहीं रहे। उन्होंने एक भी चुनाव नहीं लड़ा। उन्होंने पिछले 10 सालों में अलग-अलग क्षेत्रों में अच्छा काम किया है।''

बीजेपी ने 78 सीटें जीती, बीजेडी के खाते में 51 सीटें
बता दें कि 147 सदस्यीय वाली ओडिशा विधानसभा में बीजेपी ने 78 सीटें जीती हैं, जबकि बीजेडी के खाते में 51 सीटें आई हैं। वहीं, कांग्रेस को राज्य में 14 विधानसभा सीटों पर जीत मिली है। बीजेपी प्रमुख पटनायक ने दो सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से एक सीट (हिंजिली) से वे विजयी हुए, लेकिन दूसरी सीट (कांताबंजी) से हार गए।

 

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