Edited By Pardeep,Updated: 14 May, 2025 06:01 AM

चंडीगढ़ की 16 वर्षीय छात्रा 'काफी' ने अपनी अद्वितीय मेहनत और साहस से एक नई मिसाल पेश की है।
नेशनल डेस्कः चंडीगढ़ की 16 वर्षीय छात्रा 'काफी' ने अपनी अद्वितीय मेहनत और साहस से एक नई मिसाल पेश की है। उन्होंने चंडीगढ़ के इंस्टीट्यूट फॉर द ब्लाइंड में 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 95.2% अंक प्राप्त कर स्कूल टॉप किया है। यह उपलब्धि और भी प्रेरणादायक है क्योंकि वह बचपन में एसिड अटैक का शिकार हो गई थीं।
दर्दनाक घटना और संघर्ष
'काफी' जब महज 3 साल की थीं, होली खेलते समय उनके गांव हिसार में तीन व्यक्तियों ने उन पर तेजाब फेंक दिया। इस हमले में उनकी आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली गई। उनके माता-पिता ने दिल्ली के एम्स सहित कई अस्पतालों में इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इस दौरान परिवार ने अपनी सारी जमा-पूंजी इलाज में खर्च कर दी। आखिरकार, उन्होंने चंडीगढ़ के इंस्टीट्यूट फॉर द ब्लाइंड में दाखिला लिया।
शिक्षा में उत्कृष्टता
'काफी' ने ब्रेल लिपि, ऑडियो पुस्तकें और अन्य सहायक उपकरणों की मदद से पढ़ाई की। उन्होंने 10वीं की परीक्षा में भी 95.2% अंक प्राप्त किए थे। अब 12वीं में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है। उनका सपना है कि वह यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनें।
परिवार का समर्थन और संघर्ष
'काफी' के पिता, पवन कुमार, चंडीगढ़ सचिवालय में अनुबंध पर काम करते हैं। उन्होंने अपनी बेटी की शिक्षा के लिए कई sacrifices किए हैं। उन्होंने बताया कि 'काफी' के इलाज में काफी अधिक पैसे खर्च हुए थे। हालांकि, हमलावरों को केवल दो साल की सजा मिली थी, जो अब पूरी हो चुकी है। इससे परिवार को न्याय की कमी महसूस होती है।