4 दिन में ही पाकिस्तान ने कैसे मान ली हार? 5 प्वाइंट्स में जानें सीजफायर की कहानी

Edited By Updated: 11 May, 2025 12:25 PM

india pakistan ceasefire inside story 5 points

7 मई, 2025 की आधी रात को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए की गई थी। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह से तबाह कर दिया।...

नेशनल डेस्क. 7 मई, 2025 की आधी रात को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए की गई थी। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह से तबाह कर दिया। बताया गया कि इस दौरान लगभग 90 आतंकवादियों को मार गिराया गया।

भारत की इस कड़ी कार्रवाई से पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया। उसने बिना सोचे-समझे 8 मई की रात को सीमा से लगे भारतीय इलाकों पर हमले शुरू कर दिए। पाकिस्तान ने खासकर पुंछ और राजौरी के रिहायशी क्षेत्रों को निशाना बनाया।

भारत ने भी तुरंत जवाबी कार्रवाई की और पाकिस्तानी सेना के कई महत्वपूर्ण ठिकानों को नष्ट कर दिया। लेकिन पाकिस्तान यहीं नहीं रुका और 9 मई की रात को भी उसने ड्रोन हमले जारी रखे। इसके जवाब में भारतीय सेना ने और भी सख्त कदम उठाया और पाकिस्तान के रावलपिंडी समेत 4 एयरबेस को तबाह कर दिया। इस दौरान पाकिस्तान ने फतेह मिसाइल भी दागी, जिसे भारतीय वायुसेना ने सिरसा एयरबेस से हवा में ही नष्ट कर दिया।

सीजफायर क्यों हुआ?

इन लगातार हमलों और जवाबी हमलों के कारण दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए थे। पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा था और भारत ने भी उसे करारा जवाब दिया था। लेकिन फिर 10 मई को ऐसा क्या हुआ कि दोनों देशों ने अचानक युद्धविराम (सीजफायर) की घोषणा कर दी? इसके पीछे कई मुख्य कारण थे...

एयरबेस की तबाही: सीजफायर की कहानी 9-10 मई की रात से शुरू होती है। भारत ने पाकिस्तान पर जबरदस्त पलटवार करते हुए उसकी सैन्य ठिकानों पर ब्रह्मोस-ए क्रूज मिसाइलें दागीं। इस हमले में रावलपिंडी के नूरखान और चकलाला एयरबेस और पंजाब के सरगोधा एयरबेस को निशाना बनाया गया। यह हमला पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय के बहुत करीब रावलपिंडी में हुआ था। इसके बाद भारतीय वायुसेना ने PoK में जकोबाबाद, भोलारी और स्कार्दू एयरबेस को भी तबाह कर दिया।

पाकिस्तान में डर का माहौल: भारत द्वारा पाकिस्तानी एयरबेस पर किए गए हमलों से पाकिस्तान बुरी तरह डर गया था। पाकिस्तानी रक्षा सूत्रों से खबर मिली कि भारत का अगला निशाना उनके परमाणु हथियार नियंत्रण और कमांड सिस्टम हो सकते हैं। इस सूचना के बाद पाकिस्तान ने रावलपिंडी और अन्य सभी संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा तुरंत बढ़ा दी।

पाकिस्तान ने अमेरिका से मांगी मदद: पाकिस्तान को यह डर सताने लगा कि कहीं भारत उसके परमाणु ठिकानों पर हमला न कर दे। इस स्थिति में पाकिस्तान ने संयुक्त राज्य अमेरिका से मदद की गुहार लगाई। अमेरिका पहले से ही दोनों देशों के संपर्क में था, लेकिन परमाणु हथियारों की बात सुनकर वह भी हरकत में आ गया। अमेरिका ने तुरंत दोनों देशों से पीछे हटने का आग्रह किया।

पाक डीजीएमओ का भारत को फोन: अमेरिका ने पाकिस्तान को बिना किसी देरी के सीमा पर गोलीबारी बंद करने और भारत से बातचीत करने का आदेश दिया। 10 मई की दोपहर लगभग 3:35 बजे पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने अपने भारतीय समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को फोन किया और सीजफायर का प्रस्ताव दिया।

पाकिस्तान को एक मौका: भारत सीजफायर के लिए तैयार हो गया, लेकिन उसने पाकिस्तान के साथ किसी भी औपचारिक कूटनीतिक या सैन्य वार्ता में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया। खबरें थीं कि भारत पाकिस्तान के ऊर्जा और आर्थिक लक्ष्यों पर हमले की तैयारी कर रहा था। हालांकि, पाकिस्तान की गुजारिश पर उसे सीजफायर के रूप में एक मौका दिया गया।

भारत की शर्तों पर सीजफायर

यह सीजफायर भारत ने अपनी शर्तों पर किया है। सिंधु जल समझौता अभी भी रद्द है। इसके अलावा भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि भविष्य में किसी भी आतंकवादी हमले को भारत 'युद्ध की कार्रवाई' मानेगा।

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