मंत्रिमंडल ने भारत-मॉरीशस के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते को मंजूरी दी

Edited By rajesh kumar,Updated: 17 Feb, 2021 06:54 PM

partnership agreement between india and mauritius

यह एक सीमित समझौता है जिसके दायरे में वस्तुओं के व्यापार, मूल नियमों, सेवाओं में व्यापार, व्यापार में तकनीकी बाधाओं (टीबीटी), स्वच्छता और पादप स्वच्छता (एसपीएस) उपायों, विवाद निपटान, नागरिकों के आवागमन, दूरसंचार, वित्तीय सेवाओं, सीमा शुल्क...

नेशनल डेस्क: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत तथा मॉरीशस के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते (सीईसीपीए) किये जाने को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई । बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। वहीं, सरकारी बयान के अनुसार, भारत और मॉरीशस सीईसीपीए पहला व्यापार समझौता है, जो अफ्रीका के किसी देश के साथ किया जा रहा है।

यह एक सीमित समझौता है जिसके दायरे में वस्तुओं के व्यापार, मूल नियमों, सेवाओं में व्यापार, व्यापार में तकनीकी बाधाओं (टीबीटी), स्वच्छता और पादप स्वच्छता (एसपीएस) उपायों, विवाद निपटान, नागरिकों के आवागमन, दूरसंचार, वित्तीय सेवाओं, सीमा शुल्क प्रक्रियाओं और अन्य क्षेत्रों में सहयोग जैसे विषय आयेंगे। इसमें कहा गया है कि सीईसीपीए दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने और बेहतर बनाने के लिए एक संस्थागत तंत्र प्रदान करता है।

भारत और मॉरीशस के बीच सीईसीपीए में भारत के लिए 310 निर्यात वस्तुओं को शामिल किया गया है जिसमें खाद्य सामग्री और पेय पदार्थ (80 श्रृंखला), कृषि उत्पाद (25 श्रृंखला), वस्त्र और वस्त्र उत्पाद (27 श्रृंखला), आधार धातु और इनसे बने उत्पाद (32 श्रृंखला), बिजली और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद (13 श्रृंखला), प्लास्टिक और रसायन (20 श्रृंखला), लकड़ी तथा लकड़ी से बने सामान (15 श्रृंखला) और अन्य शामिल हैं। मॉरीशस को अपने 615 उत्पादों के लिए प्राथमिकता की आधार पर भारतीय बाजार में पहुंच से लाभ मिलेगा। इनमें फ्रोजेन फिश, विशेष प्रकार की चीनी, बिस्कुट, ताजे फल, जूस, मिनरल वाटर, बीयर, मादक पेय, साबुन, बैग, चिकित्सा और शल्य-चिकित्सा उपकरण और परिधान शामिल हैं।

बयान में कहा गया है कि सेवा-व्यापार के संबंध में, भारतीय सेवा प्रदाताओं को 11 व्यापक सेवा क्षेत्रों जैसे पेशेवर सेवाओं, कंप्यूटर से संबंधित सेवाओं, अनुसंधान और विकास अन्य व्यावसायिक सेवाएँ, दूरसंचार, निर्माण, वितरण, शिक्षा, पर्यावरण, वित्तीय, पर्यटन और यात्रा संबंधी, मनोरंजन, योग, ऑडियो-विज़ुअल सेवाएँ और परिवहन सेवाएँ आदि के अंतर्गत से लगभग 115 उप-क्षेत्रों तक पहुंच प्राप्त होगी। भारत ने इसके अलावा भारत ने 11 व्यापक सेवा क्षेत्रों के अंतर्गत लगभग 95 उप-क्षेत्रों की पेशकश की है। इसमें कहा गया है कि इस समझौते पर दोनों देशों के संबंधितों द्वारा पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तारीख पर हस्ताक्षर किए जाएंगे जो उससे अगले महीने की पहली तारीख से लागू होंगे।

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