पिछले दो दशक में अकाल मौत की मुख्य वजह वायु प्रदूषण: सर्वे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 May, 2018 05:26 PM

pollution in the last two decades due to premature death survey

देश में पिछले दो दशक में हुई अकाल मौतों की मुख्य वजह हवा की गुणवत्ता का खराब होना है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के एक अध्ययन से यह जानकारी मिली है। इस अध्ययन का शीर्षक ‘नो व्हाट यू ब्रीद’ है और आईआईटी ने यह अध्ययन सेंटर फॉर एनवार्नमेंट...

नई दिल्ली : देश में पिछले दो दशक में हुई अकाल मौतों की मुख्य वजह हवा की गुणवत्ता का खराब होना है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के एक अध्ययन से यह जानकारी मिली है। इस अध्ययन का शीर्षक ‘नो व्हाट यू ब्रीद’ है और आईआईटी ने यह अध्ययन सेंटर फॉर एनवार्नमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीईईडी) की मदद से किया है।

इस अध्ययन में पाया गया कि उत्तर प्रदेश , बिहार और झारखंड के शहरी इलाकों में प्रत्येक एक लाख जनसंख्या पर सालाना मृत्यु संख्या 150-300 है। झारखंड की राजधानी रांची को छोड़कर इस अध्ययन के लिए चुने गए बाकी सभी शहरों में पीएम 2.5 का स्तर राष्ट्रीय सालाना मानक का दोगुना और डब्ल्यूएचओ के सालाना उचित सीमा का आठ गुना था।

सीईईडी के प्रोग्राम निदेशक अभिषेक प्रताप ने बताया कि हमारे शहरों में हम स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति का सामना कर रहे हैं। राज्य और केंद्र सरकार को इस खतरनाक स्थिति पर ध्यान देने की जरूरत है और राष्ट्रीय स्वच्छ हवा योजना तैयार करनी की जरूरत है , जो प्रभावी हो। 

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