प्रदूषण: एम्स में सांस के मरीजों की संख्या में इजाफा,डॉक्टरों ने जताई चिंता

Edited By shukdev,Updated: 25 Dec, 2018 06:59 PM

pollution increase in respiratory number of patients in aiims

राष्ट्रीय राजधानी समेत अन्य शहरों में प्रदूषण का स्तर बढऩे के बाद, देश के शीर्ष चिकित्सक संस्थान एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि खराब वायु गुणवत्ता के कारण अस्पताल में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है, जिन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है। अखिल भारतीय...

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी समेत अन्य शहरों में प्रदूषण का स्तर बढऩे के बाद, देश के शीर्ष चिकित्सक संस्थान एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि खराब वायु गुणवत्ता के कारण अस्पताल में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है, जिन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है। अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ.रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जिन महीनों में प्रदूषण का स्तर ज्यादा रहता है, उस दौरान अस्पताल आने वाले ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ जाती है जिन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है। साथ में ऐसे मरीजों की संख्या भी बढ़ जाती है, जिन्हें दिल का दौरा पड़ा होता है।

PunjabKesariउन्होंने कहा कि लोगों की सेहत पर प्रदूषण के प्रभाव का पता लगाने के लिए अध्ययन किए जा रहे हैं। दिल्ली की वायु गुणवत्ता मंगलवार को लगातार चौथे दिन ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी रही। दरअसल, मौसम संबंधी प्रतिकूल स्थितियों की वजह से प्रदूषकों का छितराव नहीं हो रहा है। दिल्ली, दिवाली के बाद सबसे बदतर प्रदूषण संकट का सामना कर रही है।

PunjabKesariकेंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 416 है जो ‘गंभीर श्रेणी में आता है। वहीं केंद्र के वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) ने एक्यूआई 423 रिकॉर्ड किया है। गुलेरिया ने लोगों से अधिक प्रदूषण स्तर वाले इलाकों में जाने से बचने को कहा है। साथ ही एहतियाती उपाय करने की भी सलाह दी है।

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