सिंधु जल संधि में चीन की दखलंदाजी, पाकिस्तान के लिए किया बड़ा प्लान, भारत के लिए बढ़ी चिंता

Edited By Updated: 16 Jul, 2025 03:10 PM

china s interference in indus water dispute

भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौता एक महत्वपूर्ण जल संधि है जो 1960 से लागू है। इसके तहत भारत तीन नदियों का पानी पाकिस्तान को देता है। लेकिन हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने इस समझौते को अस्थायी रूप से रोक...

नेशनल डेस्क: भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौता एक महत्वपूर्ण जल संधि है जो 1960 से लागू है। इसके तहत भारत तीन नदियों का पानी पाकिस्तान को देता है। लेकिन हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने इस समझौते को अस्थायी रूप से रोक दिया। इस हमले में 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया। इसके बाद से दोनों देशों के बीच जल संबंधी तनाव बढ़ गया है।

भारत ने क्यों किया सिंधु जल समझौते को स्थगित?

22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने संधि को रोक दिया। यह कदम भारत का पहला बड़ा ऐक्शन था जो इस पुराने समझौते के खिलाफ था। भारत का कहना है कि पाकिस्तान के आतंकी गतिविधियों के कारण यह कदम जरूरी हो गया है। इसके अलावा मई महीने में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसमें पीओके और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के 11 एयरबेस निशाना बनाए गए। हालांकि 10 मई को दोनों पक्षों ने संघर्ष रोकने पर सहमति जताई, पर जल समझौते का भविष्य अभी भी अनिश्चित है।

चीन की एंट्री और पाकिस्तान की मजबूरी

भारत-पाकिस्तान के बीच जल विवाद के बीच पाकिस्तान ने चीन से मदद मांगी है। चीन ने पाकिस्तान के लिए सिंधु नदी की सहायक नदी पर मोहमंद हाइड्रो प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने का फैसला किया है। यह प्रोजेक्ट पाकिस्तान के कई हिस्सों को पानी और बिजली देगा। चीन का यह कदम पाकिस्तान की रणनीतिक और कूटनीतिक मदद के रूप में देखा जा रहा है। चीन का क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने का यह भी प्रयास माना जा रहा है ताकि वह भारत को कमजोर कर सके।

चीन की दखलंदाजी से भारत को खतरा क्यों?

चीन की भूमिका पर भारत को गंभीर चिंता है। क्योंकि सिंधु नदी का स्रोत चीन के तिब्बत क्षेत्र में है, चीन यहां से पानी की आपूर्ति को नियंत्रित कर सकता है। यदि चीन ने नदियों के प्रवाह को कम या रोक दिया तो भारत के जल संसाधनों पर बड़ा संकट आ सकता है। साथ ही चीन के हस्तक्षेप से क्षेत्रीय तनाव और बढ़ सकता है। भारत को डर है कि चीन जल को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकता है।

पाकिस्तान की जल समस्या और संधि की शर्तें

पाकिस्तान की अधिकतर आबादी सिंधु बेसिन क्षेत्र में रहती है, जबकि भारत में इसकी संख्या कम है। इसके कारण पाकिस्तान का जल संकट गहरा है। सिंधु जल संधि की शर्तें पाकिस्तान के लिए काफी उदार हैं। भारत को संधि के तहत सिंधु जल का लगभग 25 प्रतिशत हिस्सा मिलता है। सिंधु जल संधि स्थगित होने के कारण पाकिस्तान बुरी तरह प्रभावित हुआ है और वह चीन की मदद से अपनी जल जरूरतों को पूरा करने की कोशिश कर रहा है।

चीन-पाकिस्तान की साझा रणनीति

चीन और पाकिस्तान ने मिलकर सिंधु जल की सहायक नदियों पर नए जल विद्युत और बांध परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है। इससे पाकिस्तान को जल और ऊर्जा के क्षेत्र में स्थिरता मिलेगी। चीन ने मीडिया के जरिए भारत को आक्रामक बताया है और जल को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की चेतावनी दी है। चीन की यह रणनीति भारत के लिए एक नई चुनौती है।

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