भाई-बहन की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती, UP में उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं दे पाएंगी प्रियंका

Edited By Naresh Kumar,Updated: 25 Jan, 2019 09:43 AM

priyanka will not give expected results in up

कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए अपनी बहन प्रियंका गांधी को पूर्वी यू.पी. का प्रभार सौंपा है और महासचिव बनाकर सक्रिय राजनीति में उतार दिया है।

नेशनल डेस्क (नरेश कुमार): कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए अपनी बहन प्रियंका गांधी को पूर्वी यू.पी. का प्रभार सौंपा है और महासचिव बनाकर सक्रिय राजनीति में उतार दिया है। सियासत के जानकार इसे राहुल का ट्रम्प कार्ड बता रहे हैं लेकिन ज्योतिष के लिहाज से प्रियंका पार्टी को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं दिला पाएंगी। पंजाब केसरी ने जाने-माने ज्योतिषियों से बहन-भाई की कुंडली का विश्लेषण करवाया है और इस विश्लेषण का सार यह है कि प्रियंका राहुल की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाएंगी और राहुल का 2019 में भी पी.एम. बनना संभव नहीं हो पाएगा।
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राहुल गांधी की कुंडली में योग

  • लग्न का स्वामी शुक्र केंद्र में 10वें भाव में। लग्न का स्वामी केंद्र में अच्छा माना जाता है।
  • सूर्य और चन्द्रमा दोनों ऑड राशियों में महाभाग्य योग बना रहे हैं।
  • कुंडली में लग्न में बैठा गुरु नवमांश कुंडली में भी इसी स्थिति में वर्गोत्तम बन गया है।
  • राहुल की कुंडली में शनि नीच राशि में है लेकिन शनि लग्न के स्वामी शुक्र से केंद्र में होने के कारण नीच भंग राजयोग बना रहा है।
  • बुध हालांकि राहुल की कुंडली में 8वें भाव में है लेकिन नवमांश कुंडली में 8वें भाव में होने से यह वर्गोत्तम स्थिति में आ गया है।

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प्रियंका की कुंडली में योग

  • कुंडली में सूर्य धनु राशि में है एनवमांश में भी धनु में होने के कारण वर्गोत्तम स्थिति में आ गया है। वर्गोत्तम ग्रह अपनी दशा या महादशा में अच्छा फल देते हैं।
  • कुंडली में 4 ग्रह सूर्य, बुध, मंगल और गुरु केंद्र में हैं।
  • केंद्र में इतने ग्रहों से कुंडली मजबूत बन रही है। लग्र का स्वामी केंद्र में आने से व्यक्तित्व को मजबूती मिलती है।
  • 8वें भाव का मालिक शनि 12वें भाव में बैठ कर विपरीत राज योग बना रहा है।
  • 10वें भाव में बैठा 11वें भाव का स्वामी मंगल कुलदीपक योग बना रहा है।
  • लग्र का स्वामी बुध 7वें भाव में बैठकर 7वीं दृष्टि से लग्र को देख रहा है।

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पीएम वाली नहीं है राहुल की कुंडली

राहू 7 मार्च को राहुल की कुंडली में 9वें घर में सूर्य के ऊपर से गोचर करेगा जबकि केतु चंद्रमा के ऊपर गोचर करेगा, शनि पहले से धनु राशि में चंद्रमा के ऊपर से गोचर कर रहे हैं और राहुल पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। सितारों का यह गोचर राहुल को अपनों से दूर करेगा और कांग्रेस के राजनीतिक साथी सियासत के मैदान में राहुल को धोखा दे सकते हैं। राहुल की कुंडली में 16 अप्रैल 2019 से राहू की महादशा शुरू होगी और इसी तिथि के आसपास चुनाव होने के आसार हैं यानी जब राहुल की कुंडली में राहू की महादशा शुरू होगी उस समय देश में चुनाव का पहला चरण चल रहा होगा। राहुल की कुंडली में 5वें भाव में बैठा राहू सूर्य की ताकत को क्षीण कर रहा है और सियासी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य ताकतवर होना चाहिए क्योंकि सूर्य को राज दरबार माना गया है। इस हिसाब से राहुल की कुंडली पी.एम. वाली कुंडली नहीं लग रही। राहुल की कुंडली में लग्र में बैठा बृहस्पति उन्हें मान-सम्मान व ख्याति तो दिला रहे हैं लेकिन 8वें घर में बैठे बुध व 5वें घर में बैठे राहू राहुल के प्रयासों को फलीभूत नहीं होने दे रहे।


भाई पर भारी पड़ेगा प्रियंका का राहू

प्रियंका का जन्मदिन इसी महीने 12 तारीख को था और इस जन्मदिन के दिन निकली प्रियंका की वर्षफल कुंडली में राहू तीसरे भाव में आ गया है और राहू की यह स्थिति भाई के लिए बहुत अच्छी नहीं है। कुंडली में मंगल चौथे भाव में होने के कारण प्रियंका की अपनी लोकप्रियता में तो वृद्धि हो सकती है लेकिन भाई को राजनीतिक साथियों से धोखा मिलने के प्रबल योग हैं। प्रियंका के जन्मदिन के बाद ही उत्तर प्रदेश में सपा व बसपा ने कांग्रेस का साथ छोड़ा है और बिहार में भी कांग्रेस को इसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। लोकसभा चुनाव के दौरान प्रियंका अपने भाषणों से आकॢषत तो करेंगी लेकिन उत्तर प्रदेश में अपने प्रभाव के साथ बहुत ज्यादा सीटें लाने की संभावना काफी कम है। प्रियंका की कुंडली में अष्टम भाव का राहू सियासी फायदा दिलाने में अड़चन पैदा करेगा। 7 मार्च को प्रियंका की कुंडली में राहू का गोचर लग्र से शुरू हो जाएगा और लग्र का राहू तख्त छीनता है तख्त देता नहीं है, दोनों भाई-बहनों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती चल रही है और शनि और राहू इन दोनों की सियासी छांव की पूर्ति में रोड़ा बनेेंगे। प्रियंका के समर्थक चुनाव के दौरान बहुत ज्यादा सीटें नहीं जीत पाएंगे।
राजिन्द्र बिट्टू, मिट्ठा बाजार, जालन्धर
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राहुल को सफलता दिलाएगा चंद्रमा

राहुल गांधी की कुंडली में बन रहे विशेष योग कुछ महीनों में इन्हें सफलता के पास खड़ा कर देते हैं। पिछले दिनों कांग्रेस के युवराज तीन राज्यों में इसे सिद्ध भी कर चुके हैं। राहुल की कुंडली में राज्य पक्ष का स्वामी चंद्रमा तीसरे भाव में बैठा है। इस कुंडली की सबसे बड़ी समस्या लग्र में बैठा हुआ बृहस्पति सोचने-समझने और विचारने की शक्ति का ह्रास कर देता है। यही कारण है कि राहुल बोलने से पहले ठीक से सोचते नहीं परन्तु चंद्रमा की महादशा ने जाते-जाते राहुल के लिए सफलता के द्वार तो खोल ही दिए। इनकी कुंडली में 15 अप्रैल 2019 तक की चंद्रमा की महादशा कुछ हद तक इनके लिए सफलता ला सकती है।


प्रियंका को नहीं मिलेगी बड़ी सफलता

प्रियंका गांधी की कुंडली मिथुन लग्र की है जहां स्वयं लग्रेश ही बाधक स्थान पर बैठा है। इस कुंडली में कुछ विशेष है वह है दशम भाव में बन रहा कुलदीपक योग। इस कुंडली में शनि सर्वश्रेष्ठ स्थिति में है। हालांकि यह कुंडली राज्य पक्ष के लिए बहुत ज्यादा हितकारी नहीं है। 11 मार्च सन्, 2004 से प्रियंका गांधी पर शुक्र की महादशा चल रही है। 11 मार्च, 2020 से जिसमें बुध का अंतर शुरू हो जाएगा। वर्तमान समय में शनि के प्रत्यांतर ने इन्हें सक्रिय राजनीति में प्रवेश करवा दिया है परन्तु बुध का प्रत्यांतर इन्हें उत्तर प्रदेश की राजनीति में बहुत बड़ी सफलता नहीं देने जा रहा। कुल मिलाकर राहुल-प्रियंका की जोड़ी बहुत बड़ा कमाल करने में कामयाब नहीं हो पाएगी।
कमल नंद लाल पुष्कर, राजस्थान
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राहुल का समय अच्छा, बेहतर नतीजे देंगे

राहुल गांधी की कुंडली में कुछ ऐसे योग हैं जो 2019 के चुनाव में उन्हें पहले से बेहतर सफलता दिला सकते हैं। कुंडली में सूर्य और चंद्रमा दोनों ऑड राशियों में बैठ कर महाभाग्य योग बना रहे हैं। गुरु इस कुंडली में वर्गोत्तम है। हालांकि जब चुनाव शुरू होगा तो राहुल की कुंडली में राहू की महादशा शुरू हो जाएगी लेकिन किसी भी ग्रह की महादशा प्रभाव दिखाने में वक्त लगाती है। राहुल की कुंडली में दूसरे भाव में गोचर कर रहा गुरु 5वीं दृष्टि से छठे भाव को देख रहा है। इस भाव से सियासत देखी जाती है। राहुल को गुरु की 5वीं दृष्टि से सफलता मिलने के आसार हैं लेकिन वह पी.एम. की कुर्सी तक नहीं पहुंच पाएंगे। 9वें भाव में 7 मार्च से केतु का गोचर शुरू होगा। इससे राहुल को गठबंधन सहयोगियों के साथ तालमेल बिठाने में परेशानी आएगी लेकिन तमाम समस्याओं के बावजूद राहुल के लिए चुनाव के लिहाज से समय अच्छा है और वह 2014 के मुकाबले पार्टी को बेहतर स्थिति में ले जाएंगे।


प्रियंका के सियासी फैसले उलटे पड़ेंगे

प्रियंका की कुंडली में शुक्र की महादशा चल रही है। शुक्र में शनि की अंतर्दशा के चलते प्रियंका गांधी का समय बहुत अच्छा नहीं है। लिहाजा यदि उनके जरिए उम्मीदवारों की नियुक्ति हुई तो यह दाव उलटा पड़ेगा। लिहाजा राहुल ही सारे राजनीतिक फैसले और उम्मीदवारों की नियुक्ति का काम करें तो कांग्रेस के लिए बेहतर होगा। प्रियंका की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती भी चल रही है इस लिहाज से भी वह पार्टी के लिए उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाएंगी। हालांकि चुनाव के दौरान वह आक्रामक भाषण देंगी लेकिन ये भाषण पार्टी के लिए सीटों की संख्या नहीं बढ़ा पाएंगे।
रमित मलिक उपकार नगर, लुधियाना

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