Edited By Anu Malhotra,Updated: 12 Aug, 2025 12:00 PM

राजस्थान में महिला अपराधों को लेकर जारी किए गए पुलिस आंकड़ों ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनवरी से जून 2025 तक के भीतर राज्य में 200 से अधिक गैंगरेप, 5 बलात्कार के बाद हत्या, और 600 से ज्यादा यौन उत्पीड़न की...
नेशनल डेस्क: राजस्थान में महिला अपराधों को लेकर जारी किए गए पुलिस आंकड़ों ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनवरी से जून 2025 तक के भीतर राज्य में 200 से अधिक गैंगरेप, 5 बलात्कार के बाद हत्या, और 600 से ज्यादा यौन उत्पीड़न की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इस खुलासे के बाद न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल है, बल्कि सामाजिक संगठनों में भी चिंता की लहर दौड़ गई है।
अपराधों की स्थिति: चौंकाने वाले आंकड़े
कुल महिलाओं के खिलाफ अपराध: 19,600 मामले
सामूहिक बलात्कार के केस: 200+
बलात्कार के बाद हत्या: 5
यौन उत्पीड़न की घटनाएं: 600+
पॉक्सो एक्ट के तहत केस: 1,631
बंद कर दिए गए फर्जी केस: 4,613
जांच नहीं हो सकी: 9,451 मामले
राज्य पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, करीब 5,359 मामलों में चार्जशीट दाखिल की गई, जबकि बड़ी संख्या में मामले अभी भी जांच के दायरे से बाहर हैं। खास बात यह रही कि लगभग 4,790 एफआईआर दर्ज हुईं, लेकिन उनमें से अधिकांश को फर्जी मानकर बंद कर दिया गया। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली और जांच प्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
पॉक्सो मामलों में गंभीर लापरवाही
बच्चों के यौन उत्पीड़न से जुड़े पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज 1,631 मामलों में भी लापरवाही सामने आई है। इनमें से 186 को झूठा पाया गया और केवल 744 में ही चार्जशीट दाखिल की जा सकी। लगभग 707 केस अभी भी अधूरी जांच की स्थिति में हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह सजग नहीं है।
राजनीतिक बवाल: गहलोत बनाम गहलोत
राजनीतिक स्तर पर इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को घेरते हुए लिखा, “मुख्यमंत्री जी, आखिर हो क्या रहा है राज्य में? महिला सुरक्षा के लिए जागिए।” उन्होंने अजमेर में रक्षाबंधन के दिन एक भाजपा नेता द्वारा पत्नी की हत्या का मामला उठाकर सरकार पर सीधा हमला बोला।
वहीं, जवाब में राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि अपराधों पर राजनीति करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने दावा किया कि भजनलाल सरकार के कार्यकाल में अपराध दर में 10% की गिरावट आई है, जो महिला सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
महिला अपराध बढ़ने के पीछे के मुख्य कारण-
महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी के पीछे कई वजहें हो सकती हैं:
शिक्षा की कमी – कई जगहों पर लोगों में सही और गलत का फर्क समझने की जागरूकता नहीं है।
सामाजिक असमानता – लड़कियों और महिलाओं को अब भी बराबरी का दर्जा नहीं मिल पाता।
कानून का ठीक से पालन न होना – कई मामलों में अपराधियों को सज़ा नहीं मिलती, जिससे डर खत्म हो जाता है।
डिजिटल दुनिया का गलत इस्तेमाल – मोबाइल और सोशल मीडिया का गलत उपयोग बच्चों और किशोरों को खतरे में डाल रहा है।