Edited By Seema Sharma,Updated: 04 Feb, 2019 12:24 PM
लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार और पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। हालांकि इस राजनीतिक घटनाक्रम में सीबीआई को निशाने पर लिया गया है।
नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार और पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। हालांकि इस राजनीतिक घटनाक्रम में सीबीआई को निशाने पर लिया गया है। सीबीआई के बहाने ममता ने 2019 के लिए अपना बिगुल फूंक दिया है। पश्चिम बंगाल की स्थिति पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी से बात की। राजनाथ से बात के बाद गवर्नर त्रिपाठी ने चीफ सेकेट्ररी और डीजीपी को समन किया है। वहीं गृह मंत्रालय ने ममता सरकार से सीबीआई को पूछताछ करने से रोकने पर रिपोर्ट मांगी है।
गृह मंत्रालय स्थिति पर करीबी नजर रख रहा है। राजनाथ सिंह ने राज्यपाल को सीबीआई अधिकारियों को हिरासत में लिए जाने, धमकाने और उनकी कार्रवाई को बाधित किए जाने की दुर्भाग्यपूर्ण और अभूतपूर्व स्थिति से जुड़े तथ्यों से अवगत होने को कहा है। त्रिपाठी ने राजनाथ सिंह से कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को तलब किया है और स्थिति से निपटने के लिए उन्हें तत्काल कदम उठाने का निर्देश भी दिया है। सीबीआई संयुक्त निदेशक के आवास को कोलकाता पुलिस द्वारा घेरे जाने की भी खबरें हैं। संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज तथा नितिन गडकरी के साथ बैठक की। सूत्रों को मुताबिक बैठक में पश्चिम बंगाल के हालात पर भी चर्चा हुई। रविवार शाम कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर छापा मारने पहुंची सीबीआई की टीम के अफसरों को कोलकाता की पुलिस ने ही हिरासत में ले लिया था। हालांकि कुछ देर बाद सीबीआई ऑफिसर्स को छोड़़ दिया गया। दूसरी तरफ ममता भी देर रात 8 बजे से धरने पर बैठी हुई हैं।
बता दें कि ममता के धरने पर बैठने को बाद विपक्षी दलों ने उनसे बात की और पूरा समर्थन देने को कहा। वहीं कांग्रेस ने भी व्हिप जारी करके अपने सासंदों को सदन में हाजिर रहने को कहा। मामा रहा है कि दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव ममता के साथ मंच साझा कर सकते हैं।