Edited By vasudha,Updated: 18 Feb, 2020 10:14 AM
भारत के सबसे बड़े और ईमानदार उद्योगपतियों में शुमार रतन टाटा के नाम एक और उपाधि दर्ज हो गई है। मैनचेस्टर विश्वविद्यालय ने रतन टाटा को नवाचार और परोपकार में योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। विश्वविद्यालय ने कहा कि हाल में...
बिजनेस डेस्क: भारत के सबसे बड़े और ईमानदार उद्योगपतियों में शुमार रतन टाटा के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। मैनचेस्टर विश्वविद्यालय ने रतन टाटा को नवाचार और परोपकार में योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। विश्वविद्यालय ने कहा कि हाल में कुलपति प्रोफेसर डेम नैन्सी रोथवेल की भारत यात्रा के दौरान 82 वर्षीय उद्योगपति को यह उपाधि दी गई।
रोथवेल ने कहा कि रतन टाटा बेहद प्रेरणादायक हैं और वह बड़े कारोबार तथा छोटे उद्यमों के लिए, शोधकर्ताओं के लिए उदाहरण हैं। बता दें कि रतन टाटा ने साल 1991 में टाटा की कमान संभाली थी। उनके कार्यकाल में टाटा ग्रुप ने कई नई ऊंचाइयों को छुआ। वह आज देश के सबसे ईमानदार उद्योगपतियों में गिने जाते हैं।
रतन टाटा अपनी सैलरी का तकरीबन 65 फीसदी हिस्सा दान कर देते हैं। इसी वजह से उनकी सैलरी कभी 100 करोड़ से ज्यादा नहीं होती। साल 2000 में उन्हे भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से नवाजा गया। इसके अलावा साल 2008 में उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया।