Edited By shukdev,Updated: 07 Oct, 2019 08:13 PM
बारिश का लम्बा दौर जारी रहने से कई स्थानों पर रावण के पुतले दशहरे से पहले ही भीगकर बर्बाद हो गए हैं। हालांकि, कुछ रावण दहन समितियों ने इस बार वॉटरप्रूफ पुतले बनवाए हैं, ताकि मौसम की बिगड़ी चाल त्योहारी परंपरा में खलल न डाल सके। बारिश का सिलसिला...
इंदौर: बारिश का लम्बा दौर जारी रहने से कई स्थानों पर रावण के पुतले दशहरे से पहले ही भीगकर बर्बाद हो गए हैं। हालांकि, कुछ रावण दहन समितियों ने इस बार वॉटरप्रूफ पुतले बनवाए हैं, ताकि मौसम की बिगड़ी चाल त्योहारी परंपरा में खलल न डाल सके। बारिश का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा जिससे रावण दहन कार्यक्रमों के आयोजकों की पेशानी पर बल पड़ गए हैं। शहर में रावण दहन का मुख्य आयोजन मंगलवार को दशहरा मैदान में होना है जहां 10 सिरों वाले पौराणिक पात्र के पुतले को प्लास्टिक की तिरपाल से ढक दिया गया है। इससे ऐसा लग रहा है कि रावण ने रेनकोट पहन रखा है।
बहरहाल, कुछ स्थानों पर रावण के पुतले बारिश जारी रहने के बावजूद अप्रभावित हैं क्योंकि इन्हें वॉटरप्रूफ बनाया गया है। छावनी क्षेत्र के सामाजिक संगठन "एकता सहयोग समिति" के संयोजक किशोर मीणा ने कहा, "हमने रावण का 51 फुट ऊंचा पुतला बनाया है जिसका वजन करीब तीन टन है। बारिश इस वॉटरप्रूफ पुतले का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकती।" मीणा की मानें, तो इस पुतले का खास तरह से निर्माण कर इसमें कुछ यूं ज्वलनशील सामग्री भरी गई है कि बारिश की स्थिति में भी यह भीतर से आग पकड़कर खाक हो जाएगा। पुतले के निर्माण में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी सहयोग किया है।