नोटबंदी के दौरान पीएम मोदी ने की थी अपील, अब जेटली ने दी ये सफाई

Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Aug, 2017 12:22 PM

rbi report on demonetization

रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आर.बी.आई.) ने कहा है कि गत 30 जून तक उसके पास नोटबंदी वाले 15.28 लाख करोड़ रुपए के नोट यानी सर्कुलेशन से हटाए गए कुल नोटों का 99 फीसदी हिस्सा जमा हो गया था।

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आर.बी.आई.) ने कहा है कि गत 30 जून तक उसके पास नोटबंदी वाले 15.28 लाख करोड़ रुपए के नोट यानी सर्कुलेशन से हटाए गए कुल नोटों का 99 फीसदी हिस्सा जमा हो गया था। केंद्रीय बैंक ने जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में यह खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार नोटबंदी के बाद 1,000 रुपए के लगभग 8.9 करोड़ नोट यानी 8,900 करोड़ रुपए वापस नहीं आए हैं।

वहीं इन आकड़ों के बाद भारत सरकार के फैसले पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जिस मकसद से पीएम नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की गई थी, उस बड़े लक्ष्य से वह काफी दूर रहे। विपक्ष के लिए यह बहुत बड़ा मुद्दा बन गया है सरकार को घेरने का क्योंकि उस दौरान लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा था। दूसरी तरफ आकड़े सामने आने के बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली सरकार की ओर से सफाई पेश कर रहे हैं लेकिन अगर गौर की जाए तो नोटबंदी के दौरान पीएम मोदी के दिए बयान और जेटली की सफाई में काफी अंतर है।

ये बोले थे पीएम मोदी
8 नवंबर, 2016 को मोदी ने देश के नाम दिए अपने संबोधन में नोटबंदी का ऐलान किया था, उस दौरान उन्होंने कई तर्क दिए थे। उन्होंने कहा था कि भारत के आर्थिक सिस्टम में कैश की तादाद काफी ज्यादा है, हमें जल्द ही कैशलेस इकॉनोमी की ओर कदम बढ़ाने होंगे। पीएम ने कहा था कि ज्यादा कैश की वजह से ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है, अगर देश कैश लेस होगा तो भ्रष्टाचार की संभावनाएं भी कम हो जाएंगी। काले धन पर भी लगाम लगेगी और गरीब आदमी का पैसा कोई छीन नहीं पाएगा। मोदी ने तब देशवासियों से अपील की थी कि सभी इस महायज्ञ में सहयोगी बनें।

जेटली की सफाई
आरबीआई के आंकड़े सामने आने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली को तुरंत मीडिया के सामने आना पड़ा और सफाई देते हुए कहा कि नोटबंदी जिस उद्देश्य से की गई थी उसमें सरकार आगे बढ़ रही है और इसका मकसद आम लोगों का धन जब्त करना नहीं था। नोटबंदी का उद्देश्य काले धन को समाप्त करना, डिजीटलीकरण को बढ़ावा देना और अर्थव्यवस्था को कैशलैस बनाना था। इस दिशा में सरकार धीरे धीरे-आगे बढ़ रही है। वहीं विपक्ष को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि नोटबंदी के फेल हो जाने की बात करने वाले और उसकी आलोचना करने वाले कंफ्यूज़ हैं। ऐसे लोग नोटबंदी के पूरे उद्देश्य को समझ नहीं पा रहे हैं।

आलोचना करने वाले क्या जाने नोटबंदी का उद्देश्य
उन्होंने कहा कि सरकार का अगला कदम चुनावों में काले धन को खत्म करना है।
कांग्रेस के रिजर्व बैंक के नोटबंदी के दौरान जमा नोटों के आंकड़ों पर सरकार को घेरने पर श्री जेतली ने कहा कि जो लोग नोटबंदी का अर्थ नहीं समझते वे इस पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। जिन्होंने काले धन के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ी वे नेाटबंदी को लेकर भ्रम पैदा कर रहे हैं। नोटबंदी का मकसद जम्मू-कश्मीर एवं छत्तीसगढ़ में आतंकवादी और नक्सलवादी गतिविधियों पर नकेल कसना था तथा नोटबंदी के बाद इन गतिविधियों में लिप्त तत्वों के पास संसाधनों की कमी होने लगी है।

आयकर विभाग करता है पूरी जांच
जेटली ने कहा कि जिन लोगों ने जीवन में कभी काले धन के खिलाफ जंग नहीं लड़ी, वो शायद इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य समझ नहीं पाए। यह किसी का पैसा जब्त करने का उद्देश्य नहीं था। बैंकिंग सिस्टम में पैसा आ जाए तो इसका मतलब ये नहीं कि वो पूरा पैसा वैध है। इस पैसे के खिलाफ आयकर विभाग पूरी जांच करता है। यही कारण है लाखों लोगों को नोटिस पर डाला गया है जिसका एक प्रत्यक्ष असर हुआ है कि डायरेक्ट टैक्स बेस बढ़ा है, उससे जीएसटी का प्रभाव भी बढ़ा है।

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