CAA लागू होने के ऐलान पर असम में भड़का विद्रोह, अनशन, सत्याग्रह का ऐलान, 30 संगठन आए साथ

Edited By Mahima,Updated: 01 Mar, 2024 12:02 PM

rebellion broke out in assam on the announcement of caa implementation

असम में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आसू सहित 30 से अधिक समूहों ने प्रदर्शन करने की घोषणा की है।  आसू के अध्यक्ष उत्पल शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के असम दौरे के दौरान 9 मार्च को सभी जिलों में 12 घंटे की भूख हड़ताल सहित...

नेशनल डेस्क: असम में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आसू सहित 30 से अधिक समूहों ने प्रदर्शन करने की घोषणा की है।  आसू के अध्यक्ष उत्पल शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के असम दौरे के दौरान 9 मार्च को सभी जिलों में 12 घंटे की भूख हड़ताल सहित प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई मामले चल रहे हैं और इसे लागू करने की घोषणा करना अन्याय है। उन्होंने कहा कि असम के लोग सीएए को स्वीकार नहीं करेंगे और इसके खिलाफ हर कदम का विरोध किया जाएगा।

30 स्वदेशी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में AASU के अध्यक्ष उत्पल शर्मा ने कहा कि सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई मामले चल रहे हैं और ऐसे में इसे लागू करने की घोषणा करना लोगों के साथ घोर अन्याय है। उन्होंने कहा, "असम के लोगों ने कभी भी सीएए को स्वीकार नहीं किया है और अगर इसे लागू किया जाता है तो, इस ओर बढ़ाए गए हर कदम का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि, कानूनी लड़ाई के साथ-साथ हम केंद्र के फैसले के खिलाफ लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रखेंगे।"

निकाला जाएगा मशाल जुलूस
उत्पल शर्मा ने कहा कि सीएए विरोधी आंदोलन 4 मार्च को हर जिला मुख्यालय में मोटरसाइकिल रैलियों के साथ शुरू होगा और एक मशाल जुलूस भी निकाला जाएगा।  उन्होंने कहा, हम इसके खिलाफ हर जिला मुख्यालय में मशाल जुलूस निकालेंगे और राज्य भर में आंदोलन भी करेंगे। शर्मा ने कहा, जब प्रधानमंत्री 8 मार्च को असम आएंगे, तो AASU और 30 अन्य समूह न पांच युवकों की तस्वीरों के समक्ष दीपक जलाएंगे जो 2019 में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की गोलीबारी में मारे गए थे।

पीएम मोदी 8 मार्च को आएंगे असम
प्रधानमंत्री 8 मार्च से असम की दो दिवसीय यात्रा पर होंगे, इस दौरान वह काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में जंगल सफारी करेंगे, 17वीं सदी के अहोम सेना कमांडर लाचित बोरफुकन की 125 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे और शिवसागर मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखेंगे और 5.5 लाख प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) से बने घरों का उद्घाटन करेंगे।

बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहले ही अपने भाषणों में CAA के ऐलान की बात कह चुके हैं। उन्होंने, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) पर कहा कि 2019 में कानून पारित हुआ था। इस संबंध में नियम जारी करने के बाद लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जाएगा। शाह ने कहा, 'सीएए देश का कानून है, इसका नोटिफिकेशन निश्चित रूप से हो जाएगा। चुनाव से पहले ही सीएए को अमल में आना है इसमें किसी को कंफ्यूजन नहीं रखना है।'

अमित शाह ने किया ऐलान
अमित शाह के इस ऐलान के बाद से कई राज्यों में हलचल है तो असम ने सीएए के खिलाफ फिर से प्रोटेस्ट करने का ऐलान कर दिया है। बता दें कि साल 2019 में जब CAA विरोधी प्रोटेस्ट हुए थे, तब इस दौरान देशभर में अराजक स्थिति उत्पन्न हो गई थी और जान-माल की हानि भी हुई थी। वहीं, असम में काफी उग्र प्रदर्शन हुए थे। इस प्रदर्शन के दौरान पांच युवकों की मौत हो गई थी। अब एक बार फिर असम के संगठनों ने CAA के विरोध में प्रोटेस्ट का ऐलान किया है।
 

 

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