राजपथ: वायुसेना के 27 विमानों की सलामी के साथ खत्म हुआ गणतंत्र दिवस समारोह

Edited By ,Updated: 26 Jan, 2016 01:26 PM

republic day celebrations

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और आम जनता के भारी उत्साह के बीच आज राजपथ से एेतिहासिक लालकिले तक पारंपरिक गणतंत्र दिवस परेड हुई जिसमें न सिर्फ फ्रांस के राष्ट्रपति विशिष्ट मेहमान रहे बल्कि उनके देश के सैनिकों ने भी इसमें हिस्सा लिया।

नई दिल्ली: कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और आम जनता के भारी उत्साह के बीच आज राजपथ से एेतिहासिक लालकिले तक पारंपरिक गणतंत्र दिवस परेड हुई जिसमें न सिर्फ फ्रांस के राष्ट्रपति विशिष्ट मेहमान रहे बल्कि उनके देश के सैनिकों ने भी इसमें हिस्सा लिया। यह पहला अवसर था जब गणतंत्र दिवस परेड में किसी विदेशी सैन्य दस्ते ने हिस्सा लिया हो। परेड में जहां सारी दुनिया में सबसे अधिक विभिन्नता वाले देश भारत को एक सिरे में पिरोने वाली उसकी हर कोने की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाया, वहीं अत्याधुनिक हथियारों, मिसाइलों, विमानों और भारतीय सैनिकों के दस्तों ने देश केे किसी भी चुनौती से निपट सकने की ताकत का एहसास कराया।  सुरक्षा कारणों से इस बार गणतंत्र दिवस परेड में 25 मिनट की कटौती की गई। इसे 115 मिनट की बजाय 90 मिनट का कर दिया गया। 

पीएम मोदी ने दी अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि
परेड शुरू होने से पहले परंपरा के अनुरूप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडिया गेट जाकर अमर जवान ज्योति पर पुष्पांजलि अर्पित कर देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले जियाले सैनिकों को सलाम किया। श्रद्धांजलि  देने के बाद 2 मिनट का मौन रखा गया। इसके बाद राष्ट्रपति और भारतीय सेना के सर्वोच्च कमांडर प्रणब मुखर्जी इस बार की परेड के मेहमान..ए..खुसूसी फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा आेलांद के साथ सलामी मंच पर आए।

लेफ्टिनेंट अंबिका नौटियाल की मदद से राष्ट्रपति ने फहराया तिरंगा
प्रणब मुखर्जी ने राजपथ पर 21 तोपों की सलामी के साथ तिरंगा फहराया। इस दौरान लेफ्टिनेंट अंबिका नौटियाल ने राष्ट्रपति की तिरंगा फहराने में मदद की।

गुलाब के फूलों की पंखुडियों की बारिश से शुरू हुई परेड
तिरंगा फहराए जाने के बाद शुरू हुआ सैन्य टुकडियों, सांस्कृतिक एव विकास झांकियों, बच्चों के कार्यक्रमों, टैंकों, आधुनिक हथियारों, मिसाइलों आदि के प्रदर्शन का सिलसिला। परेड के शुभारंभ के रूप में सेना के चार हेलिकाप्टरों ने राजपथ के ऊपर से उड़ान भरते हुए गुलाब के फूलों की पंखुडियां बिखेरीं। इन हेलिकाप्टरों पर देश के तिरंगे के अलावा तीनों सेनाआें के ध्वज लहरा रहे थे। सबसे अंत में रोमांच से भर देने वाले वायु सेना के अत्याधुनिक विमानों को राजपथ के उपर से हैरतअंगेज कारनामों के साथ उड़ान भरते देख कर उन विमानों की ताकत के साथ ही वायु सेना के पायलटों का हुनर और जांबाजी का एहसास हुआ। 

फ्रांस की सेना ने पहली बार राजपथ पर किया मार्च 
राजपथ से एेतिहासिक लालकिले तक हर साल होने वाली परंपरागत गणतंत्र दिवस परेड में इस बार फ्रांस के सैनिकों के एक दस्ते को शामिल किया गया। यह पहला अवसर है, जब किसी विदेशी सैन्य टुकड़ी ने गणतंत्र दिवस समारोह की परेड मेें हिस्सा लिया। परेड में फ्रांसिसी दस्ते का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल पॉल बरी कर रहे थे। फ्रांस के 76 सैनिकों का यह दस्ता उस देश के सबसे पुराने रेजिमेंटों में से एक है।

राजपथ पर फ्रांस का दस्ता जब मार्च पास्ट करता हुआ गुजर रहा था तब सलामी मंच पर फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा आेलांद मौजूद थे जो इस समारोह में मुख्य अतिथि थे। लियोन स्थित 48 सदस्यीय ‘‘ द म्यूजिक आफ द इंफैंट्री ’’ ने दो सैन्य धुने बजाईं और वहां उपस्थित लोगों ने उनका करतल ध्वनि से स्वागत किया। परेड में हिस्सा लेने वाला फ्रांस का दस्ता 35वें इंफैट्री रेजिमेंट का है जिसके 1604 में फ्रांस के लॉरेन में गठन हुआ था । इसे अब तक 12 युद्धक सम्मान मिल चुके हैं। यह पांचवा अवसर है जब फ्रांस के राष्ट्रपति भारत के गणतंत्र समारोह में मुख्य अतिथि बने हैं।

डॉग स्क्वॉड रहा लोगों का खास आकर्षण
आज रिपब्लिक डे सेरेमनी में चीफ गेस्ट फ्रांस के प्रेसिडेंट फ्रांस्वा ओलांद हैं। 26 साल बाद रेमाउंट वेटेरनरी कोर की डॉग स्क्वॉड राजपथ पर दिखी। स्क्वॉड में 1200 डॉग्स शामिल रहे। डॉग स्क्वॉड की कदमताल देखने लायक थी

दिल्ली की सुरक्षा के किए गए कड़े प्रबंध
गणतंत्र दिवस के अवसर पर आतंकी हमला हो सकने की खुफिया सूचना के चलते राष्ट्रीय राजधानी में आज जमीन से हवा तक सुरक्षा के अभूतपूर्व प्रबंध किए गए और हजारों जवान चप्पे चप्पे पर कड़ी नजर रखे रहे। राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा व्यवस्थ बेहद कड़ी की गई थी और इसकी एक तरह से किलेबंदी सी कर दी गई।  मध्य और नई दिल्ली इलाकों में दिल्ली पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के करीब 50 हजार जवान तैनात किए गए।

अधिकारियों ने कहा कि आसमान से किसी खतरे से निपटने के लिए दो महत्वपूर्ण स्थानों पर विमान रोधी तोपें तैनात की गई हैं। एक अधिकारी ने बताया कि मध्य और नई दिल्ली क्षेत्र में 15 हजार सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं और परेड के मार्ग पर उच्च प्रौद्योगिकी क्षमता से लैस डिजिटल कैमरा लगाए गए हैं जिसके माध्यम से एक विशेष नियंत्रण कक्ष से निगरानी की जा रही है। करीब एक हजार यातायात अधिकारियों को रिवाल्वर जारी किये गए हैं ताकि कड़ी सुरक्षा के बावजूद किसी अप्रिय घटना से उत्पन्न स्थिति से निपटा जा सकेे।

 परेड के दौरान इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ाने भरने और विमान के उतरने की अनुमति नहीं होगी । इस अवधि में यहां आमदिनों में 60 विमान उतरते और उड़ान भरते हैं। दिल्ली पुलिस ने शहर में भीड़भाड़ वाले स्थानों और मशहूर बाजारों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है और वायरलेस इंटेग्रेटेड पब्लिक एड्रेस स्थापित किया है। यह व्यवस्था दिल्ली के 31 भीड़भाड़ वाले स्थानों एवं बाजारों तथा 13 प्रमुख मेट्रो स्टेशनों पर की गई है।

परेड के अंत में भारतीय वायु सेना के 27 विमान रहे आकर्षण का केंद्र
परेड के अंत में इंडिया गेट को जैसे चूमते हुए गुजर जाने का एहसास देने वाले भारतीय वायु सेना के 27 विमानों ने इस बार फ्लाई पास्ट में हिस्सा लिया। फ्लाई पास्ट की अगुवाई एमआई..17 वी5 हेलिकाप्टरों ने अंग्रेजी वाई की शक्ल में उड़ान भरी। इसके दूसरे चरण के रूप में एमआई 35 के तीन हेलिकाप्टरों ने चक्र शक्ल में और उसके बाद तीन सी..130 सुपर हर्कुलिस विशाल विमानों ने उड़ान भरी।  इसके बाद एक सी..17 और दो सुखोई..30 एमकेआई विमानों ने ग्लोब फार्मेशन में उड़ान भरी। लड़ाकू विमानों की बारी आने पर पांच जगुआर विमानों ने तीर की शक्ल में राजपथ के ऊपर से उड़ान भरी और उसके बाद पांच मिग 29 विमानों ने उसी रूप में परवाज की।

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