Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Dec, 2017 02:54 PM
सरकार ने विवाहित मुस्लिम महिलाओं के हित के लिए तीन तलाक विधेयक को गुरुवार को लोकसभा में पेश कर दिया है। कई राजनीतिक दलों द्वारा इस विधेयक का विरोध किया जा रहा है। राजद ने भी इस बिल के प्रति विरोधी तेवर अपना लिए हैं। राजद का कहना है कि इस बिल में तीन...
नई दिल्ली/ पटनाः सरकार ने विवाहित मुस्लिम महिलाओं के हित के लिए तीन तलाक विधेयक को गुरुवार को लोकसभा में पेश कर दिया है। कई राजनीतिक दलों द्वारा इस विधेयक का विरोध किया जा रहा है। राजद ने भी इस बिल के प्रति विरोधी तेवर अपना लिए हैं।
राजद का कहना है कि इस बिल में तीन साल की सजा का प्रवाधान सही नहीं है। राजद नेता जयप्रकाश नारायण का कहना है कि यह बिल गैरजरूरी है। उन्होंने कहा कि दोषी को तीन साल की सजा होने पर परिवार की देखरेख कैसे हो पाएगी। जयप्रकाश नारायण ने कहा कि सरकार को इस बिल को वापस लेकर दोबारा विचार करना चाहिए।
वहीं दूसरी तरफ राजद के साथ-साथ एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी कहा कि इस बिल की कानूनी रूपरेखा उचित नहीं है। इससे महिलाओं की मुसीबतें और भी बढ़ जाएंगी।