Edited By Seema Sharma,Updated: 08 Jul, 2018 04:41 PM
ऐसे देश में जहां लाखों लोग प्रतिदिन भूखे रह जाते हैं एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी ने जरूरतमंदों को भोजन कराने के लिए एक पहल शुरू की है। इस पहल का नाम ‘रोटी बैंक’ है और इसके तहत मुंबई में रेस्त्रां, क्लब और पार्टी से बचा हुआ भोजन एकत्रित किया जाता है
मुंबई: ऐसे देश में जहां लाखों लोग प्रतिदिन भूखे रह जाते हैं एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी ने जरूरतमंदों को भोजन कराने के लिए एक पहल शुरू की है। इस पहल का नाम ‘रोटी बैंक’ है और इसके तहत मुंबई में रेस्त्रां, क्लब और पार्टी से बचा हुआ भोजन एकत्रित किया जाता है और उसके खराब होने से पहले उसे गरीबों में बांट दिया जाता है। इसे महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक डी शिवानंदन ने गत वर्ष दिसंबर में मुंबई के डब्बावालों के सहयोग से शुरू किया था। रोटी बैंक का दावा है कि उसे एक अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। मुंबई में जन्मे और लंदन में रहने वाले व्यापार पेशेवर नितिन खानपुरकर भी इस पहल से जुड़ गए हैं और उन्होंने इसके लिए पूरे समय काम करने वाला एक हेल्पलाइन नम्बर शुरू किया है।
शिवानंदन ने कहा कि भारत में करीब 1.8 टन भोजन प्रतिदिन बर्बाद हो जाता है और करीब 20 करोड़ लोग भूखे रह जाते हैं इसमें से ऐसे लोगों की बड़ी संख्या मुम्बई से होती है। उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि विधिक मुद्दे रेस्त्रां आदि को बचा हुआ खाना बाहर वितरित करने से रोकते हैं, हमने सोचा कि हम यह काम अपनी एनजीओ के जरिये करें और मैं यह देखकर बहुत प्रसन्न हूं कि ‘रोटी बैंक’ को विभिन्न क्षेत्रों से अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिली है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम भोजन बचाने वाला संगठन हैं। हम होटलों, रेस्त्रां से बचा हुआ भोजन एकत्रित करते हैं और उसे भूखे लोगों में वितरित कर देते हैं। यह बहुत ही सरल अवधारणा है।’’ उन्होंने कहा कि इस पहल के तहत जरूरतमंद लोगों को भोजन मुहैया कराने के लिए जीपीआरएस से लैस दो वैन अस्पतालों और झुग्गियों के पास चक्कर लगाती हैं।