नकली बीजों की बिक्री गैर-जमानती अपराध

Edited By Updated: 25 Jul, 2025 09:37 PM

sale of fake seeds is a non bailable offence

नकली बीजों की बिक्री गैर-जमानती अपराध


चंडीगढ़, 25 जुलाई (अर्चना सेठी) पंजाब कैबिनेट ने आज एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए नकली बीजों की बिक्री को गैर-जमानती अपराध बनाने के लिए सीड (पंजाब संशोधन) विधेयक 2025 पेश करने को मंजूरी दी। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिमंडल ने पंजाब के किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ‘सीड (पंजाब संशोधन) विधेयक 2025’ पेश करने को सहमति दी। सीड एक्ट 1966 की धारा 19 में शुरू से कोई संशोधन नहीं किया गया था, जिसके कारण जुर्माने से यह अपराध रुक नहीं रहा था। इसलिए मंत्रिमंडल ने ‘सीड एक्ट (अधिसूचित किस्मों के बीजों की बिक्री का नियमन)’ की धारा 7 के उल्लंघन के लिए एक्ट में संशोधन और धारा 19ए जोड़ने के लिए एक विधेयक तैयार करने की मंजूरी दी। इससे जुर्माने में वृद्धि और इस अपराध को गैर-जमानती बनाया गया है।  
 

इस प्रस्ताव के अनुसार, कंपनी को पहली बार अपराध करने पर एक से दो साल की सजा और पांच से दस लाख रुपये तक जुर्माना होगा, जबकि दोबारा अपराध करने पर दो से तीन साल की सजा और 10 से 50 लाख रुपये जुर्माना होगा। इसी तरह, डीलर/व्यक्ति को पहली बार अपराध पर छह महीने से एक साल की सजा और एक से पांच लाख रुपये जुर्माना, तथा दोबारा अपराध पर एक से दो साल की सजा और पांच से दस लाख रुपये जुर्माना होगा। पहले, पहली बार अपराध पर 500 रुपए जुर्माना और दूसरी बार 1000 रुपए जुर्माना व छह महीने की सजा थी।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में कैबिनेट ने राज्य में औद्योगिक/व्यावसायिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए जमीन (बिक्री या लीज पर) उपलब्ध कराने हेतु एक ढांचा विकसित करने को मंजूरी दी। इस कदम का उद्देश्य राज्य में निवेश को और बढ़ावा देना है। उल्लेखनीय है कि जमीन की मांग करने वाले निवेशकों के लिए जमीन के टुकड़ों की पहचान और प्रबंधन के लिए समयबद्ध प्रक्रिया की कमी थी। इसलिए दो-वर्षीय डिजिटल लैंड पूल, 200 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के लिए निवेशक सुविधा, संभावना जांच, रिजर्व मूल्य निर्धारण, ई-नीलामी प्रक्रिया, लीज विकल्प, नीलामी समय-सीमा और अन्य विशेषताओं के साथ एक व्यापक प्रक्रिया को मंजूरी दी गई है।


ग्रुप ‘डी’ की रिक्तियों के लिए आवेदकों को बड़ी राहत देते हुए कैबिनेट ने पंजाब राज्य (ग्रुप डी) सेवा नियम, 1963 के नियम 5(बी) और 5(डी) में संशोधनों को मंजूरी दी, जिससे इन रिक्तियों के लिए आवेदन की आयु सीमा 35 से बढ़ाकर 37 वर्ष कर दी गई। पंजाब में ग्रुप ‘डी’ सेवाओं में नियुक्ति के लिए आयु सीमा 16 से 35 वर्ष थी, जबकि पी.सी.एस. नियम 1994 के अनुसार ग्रुप ए, बी और सी के लिए आयु सीमा 18 से 37 वर्ष थी। एकरूपता के लिए पंजाब राज्य ग्रुप-डी सेवा नियम 5(बी) में संशोधन कर नियुक्ति की आयु 18 से 37 वर्ष कर दी गई। नियम 5(डी) के तहत शैक्षिक योग्यता को आठवीं से दसवीं कर दिया गया है।

कैबिनेट ने ब्याज-मुक्त ऋणों, सीड मार्जिन मनी, पंजाब राज्य एड टू इंडस्ट्रीज एक्ट 1935 और इंटीग्रेटेड रूरल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आई.आर.डी.पी.) के तहत ऋणों के निपटारे के लिए एकमुश्त निपटारा योजना (ओ.टी.एस.) लाने को मंजूरी दी। इसके तहत आई.आर.डी.पी. और पंजाब राज्य सहायता उद्योग अधिनियम 1935 के तहत ऋणों पर ब्याज और मूलधन पूरी तरह माफ होगा। इससे 208 से 1842 तक के मामले आएंगे, जिससे लगभग 3100 लाभार्थियों को करीब 65 करोड़ रुपए की राहत मिलेगी। योग्य इकाइयों को इस योजना का लाभ लेने के लिए अखबार में नोटिस प्रकाशित होने के 180 दिनों के भीतर अपने बकाया का भुगतान करना होगा।


मंत्रिमंडल ने रबी खरीद सीजन 2025-26 के लिए 46,000 एल.डी.पी.ई. काले पॉलिथीन कवरों की खरीद के लिए पुनः टेंडर में बोलियां मंगवाने हेतु समय सीमा में छूट की कार्योत्तर मंजूरी दी। रबी मार्केटिंग सीजन 2025-26 के दौरान 30,000 करोड़ रुपए की गेहूं की सुरक्षित भंडारण, रखरखाव और संभाल सुनिश्चित करने के लिए एल.डी.पी.ई. कवरों की खरीद हेतु टेंडर की अवधि को टी+21 दिनों से घटाकर टी+14 दिन करने की कार्योत्तर मंजूरी मांगी गई। मानसून शुरू होने से पहले छिड़काव सुनिश्चित करने और खुले स्टॉक को मौसमी नुकसान से बचाने के लिए यह आवश्यक था।


प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना 2024 के तहत भारत सरकार के संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार कैबिनेट ने पंजाब डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (डी.एम.एफ.) नियमों  में संशोधनों को मंजूरी दी। इन संशोधनों से परियोजनाओं के कार्यान्वयन, शक्तियों और जिम्मेदारियों में सुधार, जैसे पांच-वर्षीय दृष्टिकोण योजना, डी.एम.एफ. फंडों के उपयोग के लिए उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र, और डी.एम.एफ. से फंड स्थानांतरण पर प्रतिबंध में पारदर्शी दृष्टिकोण सुनिश्चित होगा। इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य डी.एम.एफ. की कार्यप्रणाली को और पारदर्शी व कुशल बनाना है।


कैबिनेट ने श्री काली देवी जी/श्री राज राजेश्वरी जी मंदिर, पटियाला की सलाहकार प्रबंधकीय कमेटी में संशोधनों को भी मंजूरी दी, जिससे इस कमेटी का चेयरमैन और सदस्य नामित करने का अधिकार मुख्यमंत्री को होगा। साथ ही, चेयरमैन, सचिव, सदस्यों और प्रबंधकीय कमेटी की वित्तीय शक्तियों में बदलाव को भी हरी झंडी दी गई।


कैबिनेट ने पंजाब वैल्यू एडेड टैक्स नियम, 2005 में संशोधन को भी मंजूरी दी, जिससे पंजाब वैट ट्रिब्यूनल का चेयरमैन और अन्य सदस्य पंजाब के अधिकारियों की तर्ज पर मकान भत्ता (एच.आर.ए.) और महंगाई भत्ता (डी.ए.) के हकदार होंगे।


कैबिनेट ने पंजाब में अनाज की परिवहन प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए ‘पंजाब फूड ग्रेन्स ट्रांसपोर्टेशन पॉलिसी 2025’ और ‘पंजाब लेबर एंड कार्टेज पॉलिसी 2025’ को मंजूरी दी। उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार अपनी प्रांतीय खरीद एजेंसियों और एफ.सी.आई. के माध्यम से विभिन्न खरीद केंद्रों/मंडियों से अनाज की खरीद करती है। इस नीति के तहत 2025 में परिवहन का काम पारदर्शी ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से प्रतिस्पर्धी आधार पर दिया जाएगा।

पशुओं की स्वास्थ्य देखभाल के लिए बेहतर सुविधाएँ प्रदान करने हेतु कैबिनेट ने राज्य भर के 582 पशु चिकित्सा अस्पतालों में 479 पशु चिकित्सा फार्मासिस्टों और 472 सफाई सेवकों  की सेवाओं को सर्विस प्रोवाइडर के रूप में 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2026 तक बढ़ाने की मंजूरी दी।

 

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