सुप्रीम कोर्ट का महाराष्ट्र सरकार को आदेश, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग से साझा करें ओबीसी विवरण

Edited By Updated: 20 Jan, 2022 12:34 AM

sc orders maharashtra share obc details with state backward classes commission

उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार से बुधवार को कहा कि वह स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के प्रतिनिधित्व का निर्धारण करने के मद्देनजर वह राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार से बुधवार को कहा कि वह स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के प्रतिनिधित्व का निर्धारण करने के मद्देनजर वह राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के साथ संबंधित डाटा एवं जानकारियां साझा करे। न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सरकार को यह निर्देश दिया। 

पीठ ने कहा कि यदि राज्य सरकार से सूचना या डेटा मिलने के बाद दो सप्ताह के अंदर संबंधित अधिकारियों को सलाह दी जाती है तो पैनल अंतरिम रिपोटर् प्रस्तुत कर सकता है। महाराष्ट्र सरकार ने स्थानीय निकायों के चुनावों में अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) के लिए 27 फ़ीसदी आरक्षण लागू करने की उम्मीद में सोमवार को एक बार फिर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। 

राज्य सरकार ने अनुरोध किया है कि शीर्ष अदालत अपने 15 दिसंबर का फैसला वापस ले ले जिसमें ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की अनुमति नहीं दी गई थी। महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील शेखर नफड़े ने पीठ से इस मामले पर बुधवार को सुनवाई करने का आग्रह किया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया था। 

शीर्ष अदालत ने 15 दिसंबर 2021 के अपने आदेश में कहा था कि बिना उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना आरक्षण की अनुमति देने नहीं दी जा सकती। साथ ही पीठ ने चुनाव आयोग को 27 प्रतिशत सीटों को पुन: सामान्य वर्ग से संबंधित घोषित करने के लिए एक नई अधिसूचना जारी करने का भी आदेश दिया था। राज्य सरकार ने 27 फीसदी आरक्षण लागू करने के संदर्भ में अधिसूचना जारी की थी। 

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