Edited By Seema Sharma,Updated: 12 Oct, 2020 03:32 PM
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मांस के लिए जानवरों को हलाल तरीके से मारने पर पाबंदी की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इंकार करते हुए याचिकाकर्त्ता के वकील को फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह याचिका शरारतपूर्ण लगती है। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए...
नेशनल डेस्कः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मांस के लिए जानवरों को हलाल तरीके से मारने पर पाबंदी की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इंकार करते हुए याचिकाकर्त्ता के वकील को फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह याचिका शरारतपूर्ण लगती है। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि यह याचिका शरारतपूर्ण लगती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कौन शाकाहारी हो, कौन मांसाहारी और कौन हलाल मीट खाएगा और कौन झटका मीट खाएगा हम यह तय नहीं कर सकते हैं। बता दें कि अखंड भारत मोर्चा ने यह याचिका दाखिल की थी। याचिका पर कोर्ट न कहा कि हम ऐसी याचिकाओं पर सुनवाई नहीं करते हैं।
हलाल मीट और झटका मीट
हलाल मीट वो होता है जिसमें जानवर की गर्दन को एक तेज धार वाले चाकू से रेता जाता है, जिसके बाद सांस वाली नली कटने के कुछ देर में ही जानवर मर जाता है। मुस्लिम मान्यता के अनुसार जब एक जानवर को हलाल किया जा रहा हो तब उसके सामने दूसरा जानवर नहीं ले जाना चाहिए। एक को हलाल करने के बाद ही दूसरा वहां लाना चाहिए। वहीं झटका मीट नाम बिजली के झटके से आया है। इसमें जानवर को मारने से पहले इलेक्ट्रिक शॉक देकर उसके दिमाग को सुन्न किया जाता है ताकि उसे मारने में ज्यादा संघर्ष न करना पड़े। इलेक्ट्रिक शॉक के बाद उसे अचेत अवस्था में झटके से धारदार हथियार मारकर सिर धड़ से अलग कर दिया जाता है।