Edited By Seema Sharma,Updated: 06 Mar, 2019 10:24 AM
दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच आगामी लोकसभा चुनाव में गठबंधन की संभावना को लेकर लंबे समय से चली आ रही अटकलों पर मंगलवार को उस वक्त विराम लग गया जब कांग्रेस ने फैसला किया
नई दिल्ली: दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच आगामी लोकसभा चुनाव में गठबंधन की संभावना को लेकर लंबे समय से चली आ रही अटकलों पर मंगलवार को उस वक्त विराम लग गया जब कांग्रेस ने फैसला किया कि वह राष्ट्रीय राजधानी में अकेले चुनाव लड़ेगी।कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार दोपहर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शीला दीक्षित तथा राज्य इकाई के दूसरे वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में शामिल तकरीबन सभी नेताओं ने ‘आप’ के साथ तालमेल नहीं करने की राय जाहिर की।
जहां शीला दीक्षित ने आप के साथ गठबंधन पर विरोध किया तो वहीं अजय माकन केजरीवाल के साथ जाने के पक्ष में नजर आए। ऐसे में गठबंधन के मामले पर शीला दीक्षित और अजय माकन के बीच मंच पर ही तू-तू, मैं-मैं हो गई। शुरुआत में आप विरोधी रहे माकन ने बैठक में सबसे अलग राय रखी और कहा कि आज के हालात कुछ और हैं और अगर इस बार हम अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे तो इसका सीधा मतलब होगा कि भाजपा को सात सीटों का तोहफा देना।
शीला दीक्षित का कहना था कि कांग्रेस पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हुई है और उसे दिल्ली में किसी के सहयोग की जरूरत नहीं है। राहुल भी पार्टी नेताओं के साथ सहमत नजर आए और उन्होंने कहा कि कांग्रेस बहुमत की राय के साथ जाएगी यानी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी।