Edited By Tanuja,Updated: 14 Apr, 2021 02:25 PM
फ्रांस में ईशनिंदा वाले कुछ प्रकाशनों को लेकर यहां फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे एक इस्लामवादी पार्टी के समर्थकों के साथ पुलिस की झड़प के बाद हिंसा भड़क गई...
पेशावरः फ्रांस में ईशनिंदा वाले कुछ प्रकाशनों को लेकर यहां फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे एक इस्लामवादी पार्टी के समर्थकों के साथ पुलिस की झड़प के बाद हिंसा भड़क गई। इससे पहले इस्लामवादी पार्टी के प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद कई जगह प्रदर्शन हुए। इस हिंसा में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) द्वारा कम से कम एक पुलिसकर्मी की हत्या की खबर सामने आई है जबकि इस संगठन का दावा है कि पुलिसकर्मियों की गोली से इसके 12 सदस्यों की मौत हो गई। हिंसा के बाद बैसाखी मनाने गए भारतीय सिख यात्री मुसीबत में फंस गए हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी गुलाम मोहम्मद डोगर ने बताया कि तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के प्रमुख साद रिज़वी को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। रिज़वी ने धमकी दी थी कि अगर सरकार पैगंबर मोहम्मद का चित्र प्रकाशित किये जाने को लेकर फ्रांस के राजदूत को निष्कासित नहीं करती है तो प्रदर्शन शुरू किए जाएंगे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और सोमवार को हिंसा शुरू हो गई।
करीब 800 से ज्यादा भारतीय सिख TLP द्वारा सड़क जाम करने की वजह से टेंशन में हैं। पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने बताया, '' रावलपिंडी के हसनाबदल में गुरुद्वारा पंजा साहिब में वैशाखी उत्सव में शामिल होने के लिए सोमवार को आए भारतीय सिखों का जत्था इस विरोध प्रदर्शन की वजह से गुरुद्वारा नहीं पहुंच पाया है।'' इस खबर के लिखे जाने तक भी सिख श्रद्धालु हसनाबदल नहीं पहुंचे हैं। गुरुद्वारा में मुख्य कार्यक्रम बुधवार को है। अधिकारी ने बताया कि उन्हें जत्थे के बुधवार तड़के गंतव्य स्थान पर पहुंचने की उम्मीद है।