Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Aug, 2019 11:36 AM
23 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का आरंभ होगा, जो 24 अगस्त तक रहेगा। श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार थे। कुछ विद्वानों के अनुसार इस बार जन्माष्टमी पर पुन: वही संयोग बन रहा है
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23 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का आरंभ होगा, जो 24 अगस्त तक रहेगा। श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार थे। कुछ विद्वानों के अनुसार इस बार जन्माष्टमी पर पुन: वही संयोग बन रहा है जो द्वापर युग में बना था। भाद्रपद की अष्टमी तिथि पर रोहिणी नक्षत्र में सूर्य और चंद्रमा अपने उच्च भाव में रहने वाले हैं। इस दौरान भगवान कृष्ण की उपासना करने से अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होगी।
चंडीगढ़ के ज्योतिर्विद् मदन गुप्ता सपाटू कहते हैं लगभग हर वर्ष जन्माष्टमी के व्रत तथा सरकारी अवकाश में असमंजस की स्थिति बनी रहती है। इसके कई कारण एवं ज्योतिषीय नियम हैं। जिन्हें हम यहां सपष्ट कर रहे हैं और आप अपनी सुविधा एवं आस्थानुसार इस पर्व को उल्लास से मना सकते हैं। वास्तव में कृष्णोत्सव एक दिन का नहीं अपितु 3 दिवसीय पर्व है जो 23 अगस्त से लेकर 25 अगस्त तक इस वर्ष मनाया जाएगा। कुल मिलाकर, शास्त्रानुसार एवं ज्योतिषीय आधार पर इसे 23 अगस्त शुक्रवार के दिन ही श्रीकृष्ण- जन्माष्टमी का व्रत, चंद्रमा को अर्घ्य, दान तथा कृष्ण जन्म से संबंधित अन्य पूजन कार्य करने शास्त्र-सम्मत होंगे। 24 तारीख शनिवार को व्रत का पारण करना चाहिए।
क्या कहते है पंचांग ?
पंचाग को देखें तो अष्टमी तिथि 23 अगस्त को ही सुबह 8.09 बजे से शुरू हो रही है और यह 24 अगस्त को सुबह 8.32 बजे खत्म होगा। वहीं, रोहिणी नक्षत्र 24 अगस्त को सुबह 3.48 बजे से शुरू होगा और ये 25 अगस्त को सुबह 4.17 बजे उतरेगा। कुछ पंचाग के अनुसार रोहिणी नक्षत्र 23 अगस्त को रात 11.56 बजे से ही शुरू हो जाएगा।
जानकारों का मत है कि भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस लिहाज से यह दोनों संयोग 23 अगस्त को बन रहे हैं। ऐसे में 23 अगस्त को जन्माष्टमी मनाना शुभ होगा। हालांकि, कई जानकार 24 अगस्त को इस बार जन्माष्टमी मनाना शुभ मान रहे हैं।
जन्माष्टमी में पूजा का शुभ मुहूर्त
जन्माष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 23 अगस्त को रात 12.08 बजे से 1.04 बजे तक है। मान्यताओं के अनुसार व्रत का पारण अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र उतरने के बाद ही करना चाहिए। अगर दोनों संयोग एक साथ नहीं बन रहे हैं तो अष्टमी या फिर रोहिण नक्षत्र उतरने के बाद आप व्रत तोड़ सकते हैं। ऐसे ही 24 अगस्त को पूजा का मुहूर्त 12.01 बजे से 12.46 बजे तक का है। पारण का समय सुबह 6 बजे के बाद है।