मरने से पहले 10वीं के बीमार छात्र ने दिए थे 3 पेपर, तीनों में 97.67 फीसदी अंक

Edited By Anil dev,Updated: 08 May, 2019 10:52 AM

stephen hawking noida vinayak sridhar mamta

स्टीफन हॉकिंग को अपना आदर्श मानने वाले एमिटी इंटरनैशनल स्कूल नोएडा के डचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डी.एम.डी.) जैसी आनुवांशिक बीमारी से पीड़ित छात्र विनायक श्रीधर ने अपनी मृत्यु से पहले सी.बी.एस.ई. की 10वीं कक्षा की जिन 3 विषयों की परीक्षा दी थी उन सभी...

नई दिल्ली: स्टीफन हॉकिंग को अपना आदर्श मानने वाले एमिटी इंटरनैशनल स्कूल नोएडा के डचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डी.एम.डी.) जैसी आनुवांशिक बीमारी से पीड़ित छात्र विनायक श्रीधर ने अपनी मृत्यु से पहले सी.बी.एस.ई. की 10वीं कक्षा की जिन 3 विषयों की परीक्षा दी थी उन सभी में उसने करीब 97.67 प्रतिशत अंक हासिल किए। 

परीक्षा में बैठने से पहले ही हो गई थी मृत्यु 
दुर्भाग्यवश वह 3 ही परीक्षा दे पाया था और शेष 2 विषयों की परीक्षा में बैठने से पहले ही मार्च में उसकी मृत्यु हो गई थी। उसने अंग्रेजी में 100, विज्ञान में 96 और संस्कृत में 97 अंक हासिल किए। वह कम्प्यूटर साइंस और सामाजिक अध्ययन की परीक्षा नहीं दे पाया था। 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में टॉप करना, अंतरिक्ष यात्री बनना और रामेश्वरम की यात्रा करना इत्यादि श्रीधर की अधूरी इच्छाएं बनकर रह गईं। श्रीधर जब महज 2 साल का था तब वह मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (मांसपेशियों के अपविकास से संबंधी बीमारी) से ग्रस्त हो गया था। मृतक छात्र की मां ममता श्रीधर ने बताया कि उसकी मांसपेशियों की गतिविधि बहुत सीमित हो गई थी। वह हमेशा कहा करता था कि मैं अंतरिक्ष यात्री बनना चाहता हूं।

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