सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव-बालकृष्ण का दूसरा माफीनामा भी खारिज किया- कार्रवाई का सामना करने के लिए कहा

Edited By Rahul Singh,Updated: 10 Apr, 2024 04:00 PM

supreme court also rejected the second apology of ramdev balkrishna

पतंजलि भ्रामक विज्ञापन केस में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने दूसरी बार माफीनामा को खारिज कर दिया है। साथ ही कड़ी कार्रवाई का सामना करने को तैयार रहने के लिए कहा। इससे पहले 2 अप्रैल को हुई सुनवाई में पंतजलि की तरफ से माफीनामा जमा किया गया...

नई दिल्ली। पतंजलि भ्रामक विज्ञापन केस में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने दूसरी बार माफीनामा को खारिज कर दिया है। साथ ही कड़ी कार्रवाई का सामना करने को तैयार रहने के लिए कहा। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने पतंजलि पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि उनकी हरकतें शीर्ष अदालत के आदेशों का "जानबूझकर और बार-बार उल्लंघन" करने जैसी थीं।

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उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण के प्रति भी नाराजगी जताई

शीर्ष अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को लेकर उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण के प्रति भी कड़ी नाराजगी जताई। रामदेव और बालकृष्ण ने अपने औषधीय उत्पादों के असर के बारे में बड़े-बड़े दावे करने वाले विज्ञापनों को लेकर उच्चतम न्यायालय में ‘‘बिना शर्त माफी''मांगी है। उच्चतम न्यायालय में दाखिल दो अलग-अलग हलफनामों में रामदेव और बालकृष्ण ने शीर्ष अदालत के पिछले साल 21 नवंबर के आदेश में दर्ज ‘‘बयान के उल्लंघन'' के लिए बिना शर्त माफी मांगी है। 

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पतंजलि ने दिया था उल्लंघन न करने का आश्वासन

शीर्ष अदालत ने 21 नवंबर, 2023 के आदेश में कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने उसे आश्वासन दिया था कि ‘‘अब से खासकर पतंजलि आयुर्वेद द्वारा निर्मित और विपणन किए गए उत्पादों के विज्ञापन या ब्रांडिंग के संबंध में किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं होगा। पतंजलि ने यह भी कहा था कि असर के संबंध में या चिकित्सा की किसी भी पद्धति के खिलाफ कोई भी बयान किसी भी रूप में मीडिया में जारी नहीं किया जाएगा।'' शीर्ष अदालत ने कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ‘‘इस तरह के आश्वासन का पालन करने के लिए बाध्य है।'' आश्वासन का पालन नहीं करने और उसके बाद मीडिया में बयान जारी किए जाने पर शीर्ष अदालत ने अप्रसन्नता व्यक्त की थी। न्यायालय ने बाद में पतंजलि को कारण बताओ नोटिस जारी किया कि क्यों न उसके खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू की जाए। 

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इससे पहले इसी महीने 2 अप्रैल को हुई सुनवाई में पंतजलि की तरफ से माफीनामा जमा किया गया था। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच ने फटकार लगाते हुए कहा था, कि ये माफीनामा सिर्फ खानापूर्ति के लिए है। आपके अंदर माफी का भाव नहीं दिख रहा। एक दिन पहले यानी 9 अप्रैल को बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने नया एफिडेविट फाइल किया। जिसमें पतंजलि ने बिना शर्त माफी मांगते हुए कहा कि इस गलती पर उन्हें खेद है और ऐसा दोबारा नहीं होगा।

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