Edited By ,Updated: 15 Dec, 2016 12:46 PM
धार्मिक आधार पर दाढ़ी बढ़ाने को लेकर भारतीय सेना से हटाए गए मुस्लिम सैनिक मकतुम हुसैन की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया है।
नई दिल्ली : धार्मिक आधार पर दाढ़ी बढ़ाने को लेकर भारतीय सेना से हटाए गए मुस्लिम सैनिक मकतुम हुसैन की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एयरफोर्स के स्टाफ जब तक सर्विस में हैं वे दाढ़ी नहीं बढ़ा सकते। ड्यूटी पर रहते हुए दाढ़ी बढ़ाने के कारण मकतुम को एयरफोर्स से निकाल दिया गया था। इसके बाद पहले उन्होंने कर्नाटक हाई कोर्ट में अपील की और फिर सुप्रीम कोर्ट में। लेकिन यहां से भी मकतुम को निराशा हाथ लगी।
केवल सिख सैनिकों को ही दाढ़ी बढ़ाने की इजाजत
यह पूरा मामला साल 2001 का है। मकतुम हुसैन ने अपने कमांडिंग अफसर यानी सी.ओ. से दाढ़ी बढ़ाने को लेकर स्वीकृति मांगी थी। इसके लिए मकतुम ने धार्मिक आधार पर बल दिया था। सी.ओ. ने शुरुआत में तो इसकी इजाजत दे दी लेकिन बाद में उन्हें यह अहसास हुआ कि नियमों के मुताबिक सिर्फ सिख सैनिकों को ही दाढ़ी बढ़ाने की इजाजत है।
नियम के तहत सी.ओ. ने बाद में मकतुम हुसैन को दी गई अनुमति वापस ले ली। सैनिक ने इसे 'भेदभाव' मानते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट में नियम के खिलाफ अपील की। इसके बाद भी जब मकतुम ने दाढ़ी नहीं काटी तो उनका तबादला पुणे के कमांड अस्पताल में कर दिया गया। वहां नए सी.ओ. ने भी मकतुम से दाढ़ी काटने को कहा लेकिन वह अपनी जिद पर अड़े रहे। इसके बाद मकतुम को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया। इन सबके बाद भी जब मकतुम दाढ़ी नहीं काटने की अपनी जिद पर अड़े रहे तो निर्देशों की अवहेलना करने के कारण उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें सेवा से हटा दिया गया।