आवारा कुत्तों के बाद अब इन जीवों पर एक्शन, बीएमसी को सख्त निर्देश, HC ने भी बरकरार रखा फैसला

Edited By Updated: 14 Aug, 2025 12:37 PM

supreme court dismisses plea against bombay hc ban on feeding pigeons

मुंबई में आवारा कुत्तों के बाद अब कबूतरों को दाना डालने पर भी सख्त नियंत्रण लगाया गया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बृहन्मुंबई नगर निगम यानी बीएमसी के उस आदेश को सही ठहराया है, जिसमें कबूतरों को दाना डालने पर प्रतिबंध लगाया गया है। कोर्ट ने बीएमसी को...

नेशनल डेस्क: मुंबई में आवारा कुत्तों के बाद अब कबूतरों को दाना डालने पर भी सख्त नियंत्रण लगाया गया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बृहन्मुंबई नगर निगम यानी बीएमसी के उस आदेश को सही ठहराया है, जिसमें कबूतरों को दाना डालने पर प्रतिबंध लगाया गया है। कोर्ट ने बीएमसी को चेतावनी दी है कि वह बिना कानूनी प्रक्रिया के कोई भी फैसला मनमाने तरीके से नहीं बदल सकती।

हाईकोर्ट का आदेश और बीएमसी की भूमिका

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को बीएमसी के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें शहर में कबूतरों को दाना डालने पर रोक लगाई गई है। कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य की दृष्टि से बीएमसी की चिंता जायज है, लेकिन फैसले में पारदर्शिता और सही प्रक्रिया का पालन जरूरी है। कोर्ट ने बीएमसी को निर्देश दिया कि किसी भी बदलाव से पहले सभी नागरिकों की राय ली जाए और सार्वजनिक नोटिस जारी किया जाए। बीएमसी के वकील रामचंद्र आप्टे ने बताया कि कोर्ट ने एक विशेष समिति नियुक्त की है जो सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों की जांच करेगी। समिति की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट अंतिम फैसला लेगा।

याचिकाकर्ताओं की मांग और अस्थायी अनुमति

याचिकाकर्ताओं के वकील हरीश जे. पांड्या ने बताया कि कबूतरों को दाना डालने वालों को बीएमसी से अस्थायी अनुमति लेने की मंजूरी दी गई थी। दो याचिकाकर्ताओं ने इस अनुमति के लिए आवेदन भी दिया था, लेकिन बीएमसी के पास दोनों आवेदनों की पूरी जानकारी नहीं थी। कोर्ट ने बीएमसी से कहा है कि वह इन आवेदनों की कॉपी गुरुवार तक उपलब्ध कराए।

कबूतरों को दाना डालने का समय सीमित

बीएमसी ने कोर्ट को बताया कि वह सुबह 6 से 8 बजे के बीच कुछ शर्तों के साथ कबूतरों को दाना डालने की अनुमति देने को तैयार है। लेकिन कोर्ट ने इस बात पर सवाल उठाए कि जब पहले सार्वजनिक हित में प्रतिबंध लगाया गया था, तब अचानक ऐसा फैसला कैसे बदला जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि किसी भी फैसले को बिना उचित प्रक्रिया और सभी पक्षों की सहमति के नहीं बदला जा सकता। सार्वजनिक स्वास्थ्य के साथ-साथ नागरिकों के अधिकारों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।

आवारा कुत्तों के बाद अब कबूतरों पर कार्रवाई

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम भेजने का आदेश दिया था। उसी दिशा में मुंबई में भी आवारा जानवरों और पक्षियों के प्रबंधन पर ध्यान दिया जा रहा है। बीएमसी ने कबूतरों को दाना डालने पर रोक लगाकर सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने की कोशिश की है ताकि संक्रमण और गंदगी से शहर को बचाया जा सके।

नागरिकों के अधिकार और सार्वजनिक स्वास्थ्य का संतुलन

कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि शहर में कबूतरों को दाना डालने पर प्रतिबंध लगाना सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी हो सकता है, लेकिन इस तरह के फैसलों में नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का सम्मान भी अनिवार्य है। इसलिए किसी भी निर्णय से पहले उचित कानूनी प्रक्रिया अपनाना और सार्वजनिक राय लेना जरूरी है।

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