Edited By Shubham Anand,Updated: 14 Dec, 2025 06:21 PM

सरकार और RBI ने MSME सेक्टर के लिए बड़ा फैसला किया है। अब छोटे और मझोले उद्यमियों को सस्ते और आसान लोन मिल सकेंगे। बाहरी बेंचमार्क से जुड़े लोन की ब्याज दर हर तीन महीने में रीसेट होगी। पुराने कर्जदार भी नए सिस्टम में शामिल हो सकेंगे। क्वालिटी...
नेशनल डेस्क : देश में छोटे और मझोले व्यवसायों (MSMEs) के लिए सरकार ने वित्तीय राहत और आसान कर्ज़ की सुविधा देने वाला बड़ा फैसला किया है। अब MSME सेक्टर के कामगार और उद्यमी सस्ते और आसानी से लोन हासिल कर सकेंगे। इस संबंध में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंकों को एमएसएमई लोन को बाहरी बेंचमार्क से जोड़ने की सलाह दी है।
सरकार ने यह जानकारी संसद में साझा करते हुए बताया कि बाहरी बेंचमार्क से जुड़े लोन की ब्याज दर हर तीन महीने में रीसेट होगी। इसका लाभ यह होगा कि ब्याज दर में बदलाव का फायदा तुरंत मिलेगा। साथ ही, पुराने कर्जदारों को भी आपसी सहमति से नए सिस्टम में शामिल होने का विकल्प मिलेगा। यानी नए सिस्टम में पुराने व्यवसायी आसानी से स्विच कर सकेंगे और इसका लाभ उठा सकेंगे।
क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर में छूट
सरकार ने MSME के घरेलू उत्पादन पर असर न पड़े, इसके लिए क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर (QCO) में कई तरह की छूट और राहत की घोषणा की है। माइक्रो उद्यमों को छह महीने और छोटे उद्यमों को तीन महीने की अतिरिक्त मोहलत दी गई है। इसके अलावा, निर्यात के लिए आवश्यक कच्चे माल के सीमित आयात, शोध एवं विकास (R&D) के लिए विशेष आयात और पुराने स्टॉक की निकासी में भी छूट दी गई है। BIS फीस में माइक्रो, स्मॉल और मीडियम उद्यमों को भारी रियायतें दी जा रही हैं।
एमएसएमई के लिए म्यूचुअल क्रेडिट गारंटी स्कीम
सरकार ने एमएसएमई के लिए म्यूचुअल क्रेडिट गारंटी स्कीम भी लागू की है, जिससे मशीनरी और उपकरण खरीदने के लिए लोन लेना आसान होगा। इसके तहत माइक्रो और स्मॉल इकाइयों को 10 लाख रुपये तक के लोन पर किसी प्रकार की गिरवी नहीं देनी होगी।
सरकार का कहना है कि इन कदमों से एमएसएमई को वित्तीय राहत मिलेगी, कारोबार को मजबूती मिलेगी और छोटे और मझोले उद्यमियों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी। यह कदम खासकर उन उद्यमियों के लिए लाभकारी होगा जो लोन की उच्च ब्याज दर और जटिल प्रक्रियाओं के कारण अपने कारोबार को बढ़ाने में असमर्थ थे।