Edited By rajesh kumar,Updated: 08 Mar, 2024 04:31 PM
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की याचिका को 11 मार्च को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है, जिसमें चुनाव आयोग को डेटा जमा करने के लिए समय बढ़ाने की मांग की गई है। पांच न्यायाधीशों की पीठ चुनावी मामले में एसबीआई के आवेदन पर विचार करेगी।
नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ राजनीतिक दलों द्वारा नकदी में परिवर्तित किये गए प्रत्येक चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने का अनुरोध करने वाली भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक अर्जी पर 11 मार्च को सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ एक अलग याचिका पर भी सुनवाई करेगी, जिसमें एसबीआई के खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया गया है।
इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि एसबीआई ने चुनावी बॉन्ड के जरिये राजनीतिक दलों को मिले चंदे का विवरण निर्वाचन आयोग को छह मार्च तक सौंपे जाने संबंधी शीर्ष अदालत के निर्देश की ‘‘जानबूझकर'' अवज्ञा की। उच्चतम न्यायालय ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में, चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे ‘‘असंवैधानिक'' करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और पावती का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था।
योजना को तुरंत बंद करने का आदेश देते हुए, शीर्ष अदालत ने योजना के तहत अधिकृत वित्तीय संस्थान एसबीआई को 12 अप्रैल, 2019 से उस दिन तक खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विवरण 6 मार्च तक निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था। साथ ही, आयोग को अपनी वेबसाइट पर 13 मार्च तक यह सूचना प्रकाशित करने को कहा था। एसबीआई ने 4 मार्च को, राजनीतिक दलों द्वारा भुनाये गए चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था। अपनी अर्जी में, एसबीआई ने दलील दी है कि प्रक्रिया को पूरा करने में समय लगेगा।