वायनाड में राहुल गांधी को चुनौती देंगे के. सुरेंद्रन, भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष पर जताया भरोसा

Edited By Parveen Kumar,Updated: 25 Mar, 2024 06:00 AM

surendran will challenge rahul gandhi in wayanad

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए रविवार को केरल की शेष चार सीट के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। पार्टी ने अपने प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुकाबला करने के लिए वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से...

नेशनल डेस्क : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए रविवार को केरल की शेष चार सीट के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। पार्टी ने अपने प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुकाबला करने के लिए वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा है। पार्टी ने शिक्षाविद और श्री शंकरा संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति के एस राधाकृष्णन, और अभिनेता से नेता बने जी कृष्णकुमार को क्रमशः एर्णाकुलम तथा कोल्लम सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है।

भाजपा द्वारा जारी उम्मीदवारों की सूची के मुताबिक, सरकारी महाविद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य टी एन सरसु उत्तरी पलक्कड़ जिले के अलाथुर से अपनी किस्तम आजमाएंगे। पार्टी केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के बीच दशकों से चल रहे द्विध्रुवीय मुकाबले की परिपाटी को बदलने की कोशिश कर रही है।

भाजपा ने पहले राज्य की 12 सीट के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की थी जबकि उसकी सहयोगी बीडीजेएस राज्य में चार सीट पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने आश्चर्यजनक फैसला करते हुए कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले वायनाड से सुरेंद्रन को उतारने का फैसला किया। भाजपा राहुल गांधी के खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार खड़ा करके अपने विरोधियों को करारा जवाब देने की कोशिश कर रही है। माकपा ने यहां से एनी राजा को मैदान में उतारा है। 

कौन हैं राहुल गांधी के खिलाफ ताल ठोकने वाले के सुरेंद्रन 
के.सुरेंद्रन एक अनुभवी राजनेता हैं। वह मौजूदा समय में केरल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। उन्होंने जमोरिन के गुरुवायूरप्पन कॉलेज, कोझिकोड से रसायन विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की है। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संबद्ध छात्र विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के माध्यम से अपना राजनीतिक करियर शुरू किया। 

अपने राजनीतिक करियर के शुरुआती सालों के दौरान, उन्होंने उत्तर मालाबार जिला सहकारी विपणन सोसाइटी के निदेशक के रूप में, डिसा सेवा संस्कारिका केंद्र में अध्यक्ष पद पर, राष्ट्रीय युवा सहकारी समिति के निदेशक मंडल के संस्थापक के रूप में और नेहरू युवा केंद्र के सलाहकार बोर्ड के सदस्य जैसे विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में पथानमथिट्टा से चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए। सुरेंद्रन सबरीमाला मंदिर में अब तक चली आ रही परंपरा के विपरीत रजस्वला महिलाओं को प्रवेश देने के खिलाफ भाजपा के उग्र आंदोलन का चेहरा थे और उन्हें 2020 में पार्टी का केरल प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।

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